आज 21 लाख किसानों के खाते में आएंगे राजीव गांधी योजना की दूसरी किस्त, ऑनलाइन होगा वितरण

रायपुर। छत्तीसगढ़

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त के मौके पर धान एवं गन्ना उत्पादक राज्य के करीब 21 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रूपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती के मौके पर योजना के तहत आज किसानों के खाते में दूसरी किस्त आने वाली है।

मुख्यमंत्री इस अवसर पर गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों से क्रय किए गए गोबर तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 49 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन अंतरण भी करेंगे। किसानों एवं पशुपालकों को ऑनलाइन राशि अंतरण का यह कार्यक्रम दोपहर एक बजे से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में होगा। इस अवसर पर राजीव आश्रय योजना के तहत हितग्राहियों को पट्टा वितरण भी होगा।

राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर शुरू हुई थी किसान न्याय योजना

राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में धान तथा गन्ना उत्पादक किसानों को फसल उत्पादन प्रोत्साहन आदान सहायता के रूप में राज्य के करीब 21 लाख किसानों को 5600 करोड़ रूपए से अधिक की राशि 4 किश्तों में दी जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि 20 मई 2021 को इसकी शुरूआत की गई और किसानों को प्रथम किस्त के रूप में 1525 करोड़ 97 लाख रूपए का भुगतान उनके खाते में किया गया। 20 अगस्त 2021 को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जन्म जयंती के अवसर पर योजना के तहत किसानों को द्वितीय किस्त के रूप में 1522 करोड़ 3 लाख रूपए की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की जाएगी।

राज्य में किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने, खरीफ फसलों की उत्पादकता एवं फसलविविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजीव गांधी किसान न्याय योजना वर्ष 2020 में लागू की गई, परन्तु भूतलक्षी प्रभाव से इसका लाभ खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को दिए जाने का प्रावधान किया गया और 5628 करोड़ रूपए किसानों को दिए गए।

बता दें कि 20 जुलाई 2020 से राज्य में प्रारंभ हुई गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 99 करोड़ 8 लाख रूपए की गोबर की खरीदी हुई है। यह राशि गोबर विक्रेता, पशुपालकों, ग्रामीणों ने अधिकांशतः पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोग शामिल हैं। लाभान्वित गोबर विक्रेताओं में लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं हैं। लाभान्वितों में 78 हजार से ज्यादा लोग भूमिहीन परिवार से ताल्लुक रखने वाले हैं। के खाते में सीधे अंतरित की गई है। गौठानों से जुड़े स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में अब तक 18 करोड़ 49 लाख रूपए एवं गौठान समितियों को 26 करोड़ 75 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।

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