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पूर्णिया में जमकर गरजे केंद्रीय गृहमंत्री, रडार पर रहे नीतीश और लालू

Amit Shah Purnia Daura:बिहार में NDA से गठबंधन टूटने और फिर महागठबंधन की सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहली बार अपने दो दिवसीय दौरे पर बिहार के सीमांचल पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्णिया में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की सरहाना की। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मेरे आने से लालू-नीतीश की जोड़ी को पेट में दर्द हो रहा है। वो कहते हैं कि मैं यहां पर झगड़ा लगाने आया हूं। मैं यहां कोई झगड़ा लगाने नहीं आया हूं। भारत की जनता अब जागरुक हो चुकी है। स्वार्थ और सत्ता की कुटिल राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना सा सकता।

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शाह ने कहा कि विकास के काम करने से, अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित रहने से और देश की सरक्षा को सुनिश्चित करने से ही देश की जनता प्रधानमंत्री बनाती है। नीतीश कुमार कोई राजनीतिक विचारधारा के पक्षधर नहीं हैं। नीतीश समाजवाद छोड़कर लालू जी के साथ भी जा सकते हैं। जातिवादी राजनीति कर सकते हैं। नीतीश समाजवाद छोड़कर वामपंथियों, कांग्रेस के साथ भी बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की एक ही नीति है- उनकी कुर्सी सलामत रहनी चाहिए। वो राजद छोड़कर बीजेपी के साथ भी आ सकते हैं। नीतीश कुमार ने 2014 में भी यही किया था। वह ना घर के रहे थे ना घाट के। उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव 2024 आने दीजिए, आपकी इस जोड़ी को बिहार की जनता सुपड़ा साफ कर देगी। (Amit Shah Purnia Daura)

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 2025 में भी यहां बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। आज मैं बिहार की इस विराट सभा से लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों से कहना चाहता हूं कि आप जो ये दल-बदल बार-बार करते हो, तो ये धोखा किसी पार्टी के साथ नहीं है, बल्कि ये धोखा बिहार की जनता के साथ है। हम स्वार्थ और सत्ता की राजनीति की जगह सेवा और विकास की राजनीति के पक्षधर हैं। प्रधानमंत्री बनने के लिए नीतीश बाबू ने पीठ में छुरा भोंक कर आज आरजेडी और कांग्रेस की गोद में बैठने का काम किया। बिहार की भूमि परिवर्तन का केंद्र रही है। अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता का आंदोलन हो या लोकतंत्र के खिलाफ जो इंदिरा जी ने आपातकाल लगाया तब जय प्रकाश नारायण जी का आंदोलन हो, ये बिहार की भूमि से ही शुरू हुआ है। (Amit Shah Purnia Daura)

अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए उनके प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि दिनकर जी की कविताओं ने आजादी के आंदोलन को धार दी साथ ही उनकी लेखनी ने भारतीय संस्कृति को भी मजबूती प्रदान करने का काम किया। सीमांत जिले में जनजातियों के साथ अत्याचार हो रहा है। उन्हें भगाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जनजातीय समजा की द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का काम किया है। हमने यहां वामपंथी नक्सवादियों को भगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में कहा था कि उनकी सरकार 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये बिहार के विकास के लिए खर्च करेगी। (Amit Shah Purnia Daura)

शाह ने कहा कि आज वह पिछले सात साल का हिसाब अपने साथ लेकर आए हैं। हमारी सरकार ने इन सालों में बिहार में महामार्ग निर्माण के लिए 14 हजार करोड़ रुपया, ग्रामीण सड़क के लिए 22 हजार करोड़ रुपये खर्च किए। सरकार ने रेलवे के लिए 56 हजार करोड़ खर्च किया है। हवाईअड्डे के लिए 1280 करोड़ और पर्यटन के लिए 1600 करोड़ खर्च हुआ है। इसके अलावा पेट्रोलियम गैस के लिए 32 हजार करोड़, बिजली के लिए 16 हजार करोड़ कहा था 14 हजार करोड़ खर्च किया जा चुका है। (Amit Shah Purnia Daura)

वहीं मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सीमांचल-पूर्वांचल में राष्ट्र के यशस्वी व लोकप्रिय गृहमंत्री अमित शाह जी का आगमन बिहार की राजनीतिक दिशा दशा को नई गति प्रदान करेगा। राष्ट्र की एकता अखंडता व संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने के लिए कृतसंकल्पित बिहार की जनता लोकतांत्रिक तरीके से नीतीश कुमार की विदाई तय करेगी। शाह के दौरे को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने कहा था कि जब अमित शाह आएंगे तो बेकार की बात करेंगे। क्या हुआ 15 लाख देने का? कल मैंने प्रधामंत्री मोदी का 2014 का वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें बिहार पर विशेष ध्यान देने की बात थी। उन्होंने रोजगार पर बात नहीं कि महंगाई पर बात नहीं की।

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