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यहां बनेगा एशिया का सबसे बड़ा अभ्यारण, CM भूपेश बघेल ने रखी नींव

रायपुर। छत्तीसगढ़

अब एशिया का सबसे बड़ा पार्क छत्तीसगढ़ राज्य में बनेगा।  CM भूपेश बघेल ने अपने गृह जिले में नंदिनी माइंस की खाली पड़ी 2500 एकड़ भूमि में भारत के सबसे बड़ा मानव निर्मित जैव विवधता पार्क उद्घाटन कर दिया है। बताया जा रहा है कि DMF और ANB के मद से 3 करोड़ 37 लाख की राशि से तैयार किया गया ये एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित अभ्यारण होगा।

प्राकृतिक बायोडायवर्सिटी पार्क

इस परियोजना से दुर्ग, बेमेतरा और रायपुर शहर वासियों को एक प्राकृतिक बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में पर्यटन का अहसास कराएगा। जिले में पर्यावरण के फिर से संरक्षण अथवा इकोलॉजिकल रीस्टोरेशन के लिए खनन आधारित नंदनी माइंस को नेचुरल हैबिटेट के रूप में बदला जा रहा है, भिलाई इस्पात सयंत्र द्वारा नंदनी माइंस से लाइम स्टोन का खनन लगभग समाप्त हो चुका है। जिसके बाद माइनिंग से खाली पड़े भूमि का बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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इस अभ्यारण्य के लिए लगभग नंदनी क्षेत्र के 2500 एकड़ भूमि का चयन किया गया है। वहीं खाली पड़े 855 एकड़ भूमि पर वृक्षारोपण किया जाएगा। यह पार्क देश में पर्यावरण की मानव निर्मित सबसे बड़ी धरोहर होगी।

3 साल में पूरा हो जाएगा निर्माण कार्य

जानकारी के मुताबिक इसे तैयार करने में 3 साल का समय लग सकता है। लगभग 17 करोड़ रुपए के इस कार्ययोजना में फिलहाल 3 करोड़ 37 लाख रुपए की लागत से प्रोजेक्ट की शुरुआत आज सीएम भूपेश के हाथों हुई।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जो देश और दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत करेगा कि किस तरह से उपयोग के बाद माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के रूप में बदला जा सकता है। 17 किलोमीटर क्षेत्र में फैले नंदिनी के जंगल में पहले ही सागौन और आंवले के बहुत सारे वृक्ष मौजूद हैं आज जन वन कार्यकम में मुख्यमंत्री ने यहां बरगद का पौधा लगाया और जंगल का अवलोकन किया।

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