Ayodhya Pran Pratishtha : गंगा-जमुना समेत इन नदियों की धारा से होगा रामलला का जलाभिषेक

Ayodhya Pran Pratishtha : श्रीरामचरितमानस प्रभु श्रीराम के जीवन का दर्पण है. तुलसी दास जी द्वारा रचित इस महाकाव्य जैसा दूसरा संपूर्ण संसार में कोई नहीं है. अयोध्या में राम जन्म से लेकर समाज के लिए एक आदर्श का मार्ग प्रशस्त करते हुए, लंका में रावण के साथ उसकी तमाम बुराईयों का अंत करते हुए और अपने 14 वर्ष के वनवासी जीवन के समापन के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम की वापसी ने दिवाली जैसे त्योहार की आधारशिला रख दी.

श्री रामचरितमानस और तमाम दूसरे ग्रंथो में प्रभु श्रीराम ( Ayodhya Pran Pratishtha) की जन्म स्थली अयोध्या का बड़ा ही मनमोहक वर्णन मिलता है. रामराज्य प्रजा के लिए सर्वाधिक कल्याणकारी रहा. लंबे अर्से तक अयोध्या और प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान की अनदेखी होती रही है. चाह कर भी रामलला को तंबू में विराजमान होना पड़ा है. लेकिन इतने वर्षों बाद आज अयोध्या फिर से सज रही है. देश में राम नाम की ऐसी लहर चल पड़ी है जो सात समंदर पार तक जा पहुंची है. कारण बहुत ही खास है और वह है कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान होने वाले हैं.

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विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान श्रीराम का नाम ही मनुष्य को तमाम दुख तकलीफों से उबरता है, वहीं अयोध्या में उनकी जन्मभूमि पर साधु संत हमेशा ही डेरा जमाए रहते हैं. प्रभु श्रीराम का सुमिरन करते ये संत और लाखों करोड़ों की संख्या में देश दुनिया के रामभक्तों की एक मात्र यही इच्छा थी कि करीब 500 सालों से अपनी ही जन्मभूमि पर उपेक्षित प्रभु श्रीराम का अयोध्या में एक भव्य मंदिर हो, जहां वह श्रद्धा से सिर झुका सकें, जहां वह अपनी तकलीफों को उनसे कह सकें और जहां वह अपने गुनाहों के लिए उनसे क्षमा मांग सकें.

देश-विदेश की नदियों का पवित्र जल शनिवार को रामलला के अभिषेक के लिए अयोध्या लाया गया. इससे पहले श्रीराम मंदिर को शुक्रवार देर रात फूलों से सजाया गया था. यहां लाइटिंग भी की गई. शुक्रवार को ही गर्भगृह में स्थापित की गई रामलला की पहली तस्वीर भी सामने आई.

22 जनवरी को सालों बाद जब उनकी यह इच्छा पूरी होने जा रही है तो सभी में गजब का उत्साह और भक्ति भाव देखा जा रहा है. अयोध्या में भव्य और विशाल राम मंदिर का निर्माण कार्य जहां आखिरी चरण में है वहीं इसके गर्भगृह में प्रभु श्रीराम की मूर्ति रखी जा चुकी है, जिसकी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए मंदिर प्रशासन और सभी रामभक्त पूरे श्रद्धा भाव से लगे हैं. आखिर हो भी क्यों नहीं इसके मुख्य यजमान देश के मुखिया पीएम मोदी जो हैं. (Ayodhya Pran Pratishtha)

रामनगरी अयोध्या की सीमाएं आज रात 8:00 बजे से सील कर दी जाएंगी. इसके बाद 23 तारीख तक कोई भी अयोध्या की सीमा में नहीं प्रवेश कर पाएगा. सिर्फ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथि ही आ पाएंगे. इन्हें पास दिया गया है. पास देखकर ही मंदिर परिसर के अंदर एंट्री दी जाएगी. यहां तक कि मीडिया कर्मी भी चौपहिया वाहनों से नहीं जा पाएंगे. फटिक शिला पार्किंग में मीडियाकर्मियों को अपने वाहन खड़े करने होंगे.

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