देश के पहले मिलेट कैफे का लोकार्पण, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने की शुरुआत

Raipur Millet Cafe Open: कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित ‘मिलेट कैफे’ का लोकार्पण किया। इस मिलेट कैफे में कोदो, कुटकी, रागी और अन्य लघु धान्य फसलों से निर्मित विविध व्यंजन-इडली, दोसा, पोहा, उपमा, भजिया, खीर, हलवा, माल्ट, कुकीज के साथ ही इनसे निर्मित छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन ठेठरी, खुरमी, अरसा, चाकोली, सेवई, पिढ़िया आम जनता के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा लघु धान्य फसलों से निर्मित अन्य उत्पाद भी विक्रय के लिए उपलब्ध रहेंगे। 

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मिलेट कैफे आम जनता में लघु धान्य फसलों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और उनके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ किया गया है। यह देश में किसी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किया जाने वाला प्रथम मिलेट कैफे होगा। इस मिलेट कैफे का संचालन कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर द्वारा किया जाएगा और यहां विभिन्न महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित लघु धान्य व्यंजनों का विक्रय किया जाएगा। (Raipur Millet Cafe Open)

बता दें कि लघु धान्य फसलों की पोषकता और स्वास्थ्यप्रद मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए साल 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। मिलेट कैफे के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, राष्ट्रीय बीज निगम, नई दिल्ली की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, कृषि और उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी समेत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिकगण उपस्थित थे। (Raipur Millet Cafe Open)

कोदो, कुटकी, रागी जैसी लघु धान्य फसलों के पोषक मूल्यों और औषधीय गुणों के कारण वैश्वविक स्तर पर दिनो-दिन इनका महत्व बढ़ता जा रहा है। पहले इन फसलों को गरीबों की फसल कहा जाता था, लेकिन अपने गुणों के कारण यह अमीरों के भोजन का प्रमुख अंग बन गई है। यह बात कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कही। कृषि मंत्री इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि महाविद्यालय रायपुर के सभागार में आयोजित ‘‘खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु लघु धान्य फसले’’ राष्ट्रीय कार्यशाला में अपना सम्बोधन दे रहे थे। (Raipur Millet Cafe Open)

उन्होंने कार्यशाला का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी किये जाने की पहल की गई है। राज्य मिलेट मिशन के तहत वर्ष 2026-27 तक इन फसलों के रकबे में 1 लाख हैक्टेयर की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है, राज्य के किसानों के रूझान को देखते हुए लगता है कि यह लक्ष्य अगले साल ही हासिल कर लिया जाएगा।  (Raipur Millet Cafe Open)

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