Fire In CSPDCL: बिजली कंपनी के भंडार गृह अग्निकांड की जांच की समय सीमा 15 दिन बढ़ाई गई

Fire In CSPDCL: छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के गुढ़ियारी स्थित क्षेत्रीय भंडार में आगजनी प्रकरण की जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा 15 कार्य दिवस बढ़ाने का निवेदन समिति द्वारा किया गया था, जिसे पाॅवर कंपनी प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है। वहीं आग से जनहानि रोकने एवं निकट बस्तियों के निवासियों की निजी संपत्तियों को बचाने में मिली सफलता की सराहना मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई है।

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क्षेत्रीय भंडार (Fire In CSPDCL) में 5 अप्रैल की दोपहर लगभग 1 बजे आग लगी थी, जिसके कारण ट्रांसफॉर्मर और ड्रमों में रखे ऑयल के कारण जल्दी ही विकराल रूप ले लिया था। अवकाश दिवस होने के कारण वहाँ सुरक्षाकर्मी ही उपस्थित थे। सुरक्षाकर्मियों ने वहाँ उपलब्ध अग्निशामक यंत्रों तथा ट्रेनिंग सेंटर से पानी लेकर आग बुझाने का प्रयास शुरू किया साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। जल्दी ही वहाँ पॉवर कंपनियों के अध्यक्ष पी. दयानंद, एम.डी.राजेश कुमार शुक्ला, ई.डी भीम सिंह कंवर, संदीप वर्मा, ज्योति नंनोरे, नेताम तथा बड़ी संख्या में अधिकारीगण पहुँच गये। जिला कलेक्टर गौरव सिंह, पुलिस अधीक्षक अशोक सिंह, नगर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा, राज्य आपदा मोचनबल प्रमुख आदि घटनास्थल पर पहुंच गये थे। उनके निर्देश पर नगर निगम रायपुर सहित विभिन्न संस्थाओं जैसे हिंदुस्तान पेट्रोलियम, माना विमानतल, अदानी, गोदावरी, हीरा आदि उद्योग समूहों का अग्निशमन बल पहुँच गया था।

घटनास्थल (Fire In CSPDCL) के निकट 132 केव्ही उपकेंद्र है, जहाँ आग पहुँचने से बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था। इस उपकेंद्र के ध्वस्त होने पर शहर की बड़े हिस्से की विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती। अतः इसे बचाने की बड़ी प्राथमिकता भी सामने थी। फोम का उपयोग करते हुए आग को इस दिशा में आगे बढ़ने से रोका गया। इस तरह अग्नि दुर्घटना और उसके प्रभाव कोे सीमित क्षेत्र में रोकने में बड़ी सफलता मिली।

अग्नि दुर्घटना के निकट आबादी बस्ती है। क्षेत्रीय विधायक राजेश मूणत ने जिला प्रशासन की मदद से यहाँ मोर्चा संभाला हुआ था। बस्ती के लोगों को हटाने उनके भोजन-पानी आदि की व्यवस्था करने में प्रशासन के साथ श्री मूणत की टीम लगी रही। इससे एक ओर लोगों की हिम्मत बढ़ाने में मदद मिली वहीं दूसरी ओर आग बुझाने के काम में एकाग्रता भी बनी रहीं। सही समय पर लोगों को घटनास्थल के पास से हटा देने से भी जनहानि से बचा जा सका। श्री मूणत ने इसके लिए प्रशासन की सराहना की है। वहीं बस्ती की दिशा में रखे ऑयल के ड्रमों को अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा काफी जोखिम लेकर हटवाया गया और उसका ढक्कन खोला गया अन्यथा यह खतरनाक बम विस्फोट जैसा रूप ले सकता था, जिससे जान-माल की हानि की आशंका थी।

भंडार गृह लगभग 8 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है। यहां पर खुले में नये, पुराने-कंडम हर तरह के ट्रंासफार्मर रखे जाते हैं। इसके साथ ही मीटर, केबल, ऑयल, कंडक्टर आदि सामान रहता है। भंडार में रखी सामग्री का रिकॉर्ड वहां स्थित कार्यालय भवन के अलावा सर्वर में भी रहता हैं। जांच समिति द्वारा घटना के पहले का रिकॉर्ड मंगवाया गया है। वहीं सर्वर के रिकॉर्ड से मिलान के बाद भौतिक मूल्यांकन करने की बात कही गई है। घटनास्थल पर मौजूद कुछ कागजी दस्तावेज, कुछ रजिस्टर आदि जले है लेकिन उससे भंडार के भौतिक सत्यापन में कोई विशेष बाधा नहीं आई है। तेजी से बचाव के कारण 90 से अधिक ट्रंासफार्मर सहित बहुत सा महंगा सामान बच गया है, जिसे उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा पुलिस द्वारा भी आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। यह सब देखते हुए जांॅच समिति द्वारा 15 दिन के अतिरिक्त समय की मांग की गई है। घटना से हुये वास्तविक नुकसान का आकलन जांच समिति की रिपोर्ट के आने के बाद ही किया जा सकेगा।

उच्चस्तरीय जांच समिति

घटना के दिन ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा घटना की जांच के निर्देश दे दिये गये थे। दूसरे दिन 6 अप्रैल को ही छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा जांच समिति गठित कर दी गई और आदेशानुसार तत्काल जांच प्रारंभ कर दी गई। जांच समिति को इन बिन्दुओं पर जांच करने का आदेश दिया गया है:- आग लगने के कारणों के संबंध में, उक्त दुर्घटना हेतु जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी/ऐजेंसी के संबंध में, उक्त दुर्घटना से कंपनी को वित्तीय एवं भौतिक रूप से हुई क्षति के संबंध में, भंडार गृह के संचालन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में सुझाव, भविष्य में इस प्रकार की एवं अन्य दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए सुझाव समिति को एक सप्ताह का समय दिया गया था लेकिन समिति ने 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगा है।

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