आज रात में होगा होलिका दहन, जानिए पूजा की विधि

Holika Dahan 2023: इस साल रंगों का त्योहार यानी होली 8 मार्च को मनेगी। होली का त्योहार मुख्य रूप से रंगों का त्योहार होता है और इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है। होली दो दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें पहले दिन होलिका दहन होता है, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है। ऐसे में आज रात को होलिका दहन होगा। इसके लिए 5.30 घंटे का सिर्फ एक ही मुहूर्त है। दरअसल, इस साल पूर्णिमा दो दिन तक रहेगी। जो कि आज शाम को 4.18 पर शुरू होगी और इसके साथ भद्रा दोष भी रहेगा, लेकिन रात में 12.40 से होली जलाने का मुहूर्त रहेगा।

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बता दें कि इससे पहले साल 1994 में ऐसा हुआ था। वहीं धुरेंडी यानी रंग वाली होली पूरे देश में 8 मार्च को मनाई जाएगी। इसका मतलब देश के ज्यादातर राज्यों में होली जलने के 24 घंटे बाद ही रंग खेला जाएगा। ज्योतिषी के मुताबिक आज गुरु और शनि खुद की राशि में और शुक्र उच्च स्थिति में है। साथ ही केदार, हंस, मालव्य, चतुष्चक्र और महाभाग्य नाम के पांच बड़े योग बन रहे हैं। सितारों का ऐसा दुर्लभ योग पिछले 700 सालों में नहीं बना। इस संयोग में होने वाला होलिका दहन शुभ रहेगा। (Holika Dahan 2023)

ज्योतिषी का कहना है कि इन योग में होलिका दहन होना देश के लिए शुभ रहेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश मजबूत होगा। बीमारियां कम होंगी। होली पूजन और दहन मुहूर्त के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद अगले ढाई घंटे में भद्रा के रहते पूजा तो कर सकते हैं, लेकिन होलिका दहन भद्रा दोष खत्म होने के बाद करना चाहिए। इसलिए शाम 6.24 से 6.48 तक होली पूजा का मुहूर्त है। ये गोधुलि बेला का समय रहेगा। वहीं होलिका दहन का मुहूर्त रात 12.40 से सुबह 5.56 के बीच रहेगा। (Holika Dahan 2023)

होली के दिन पूजा के बारे में उन्होंने बताया कि होलिका पूजा से पहले भगवान नृसिंह फिर प्रहलाद का ध्यान कर के प्रणाम करें। उन्हें चंदन, अक्षत और फूल सहित पूजन सामग्री चढ़ाकर नमस्कार करें। इसके बाद होली की पूजा करें। पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह होना चाहिए। इस दिन घर में बने हुए 7 तरह के पकवानों और पूजन सामग्री से होलिका पूजा होती है। भोग भी लगाया जाता है। साथ ही होलिका दहन देखना भी शुभकारी माना जाता है। मान्यता है इससे मन की नकारात्मकता का भी दहन होता है और मन की ऊर्जा बढ़ती है। (Holika Dahan 2023)

भारत में लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं। पानी के गुब्बारों और पिचकारी से बहुत पहले से ही होली खेलने का चलन चला आ रहा है। बहुत पहले होली सिर्फ हिन्दू धर्म का त्योहार था, लेकिन अब ये दुनिया भर में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। कहा जाता है कि होली लोगों को सच्चे और ईमानदार होने के गुण में विश्वास करने और बुराई से लड़ने में मदद करती है। इसके अलावा, होली साल के ऐसे समय में मनाई जाती है जब खेत पूरी तरह खिल जाते हैं और लोग अच्छी फसल की उम्मीद करते हैं। यह लोगों को होली की भावना में आनंदित होने, आनंद लेने और खुद को डूबने का एक अच्छा कारण देता है। (Holika Dahan 2023)

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