नेपाल में एक दिन में पांच बार भूकंप से दहशत, भारत के कई इलाकों में भी झटके

Earthquake in Nepal: पड़ोसी देश नेपाल में एक दिन में पांच बार भूकंप के झटके महसूस होने से दहशत का माहौल है। रविवार शाम को 5.18 बजे पांचवी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक उसकी तीव्रता 4.3 मापी गई है। इससे पहले नेपाल के धाडिंग में सुबह 7:39 बजे 6.1 तीव्रता का तेज भूकंप आया था। उसके बाद 29 मिनट के अंदर चार झटके महसूस किए गए। भूकंप केंद्र के मुताबिक सुबह 8.08 बजे 4.3 तीव्रता का झटका आया। इसके बाद 8.28 बजे 4.3 तीव्रता और 8.59 बजे 4.1 तीव्रता का झटका लगा। दिल्ली-NCR और बिहार के पटना, बगहा, छपरा, सीवान और गोपालगंज में भूकंप को ज्यादा महसूस किया गया।

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बता दें कि भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक इसके कारण किसी के हताहत होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। नेपाल में भूकंप आना आम बात है। पिछले 17 दिनों में यह दूसरी घटना है। इससे पहले 5 अक्टूबर को एक साथ चार भूकंप के झटके लगे थे। नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं जो हर 100 साल में एक-दूसरे के करीब दो मीटर आगे बढ़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दबाव बनता है जिससे भूकंप आता है। 5 अक्टूबर को नेपाल में एक घंटे में चार भूकंप आए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक 4.6 तीव्रता का पहला भूकंप दोपहर 2:25 बजे पश्चिम नेपाल में 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था। (Earthquake in Nepal)

इस वजह से महसूस होते हैं भूकंप के झटके

वहीं 2:51 बजे 6.2 तीव्रता का झटका आया। दो और भूकंप 3.6 और 3.1 तीव्रता के 3:06 बजे और 3:19 बजे आए। भूकंप से नेपाल के बझांग में कई कच्चे मकान गिर गए। वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है। भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। (Earthquake in Nepal)

हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड

भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है। वहीं कई बार सिर्फ झटके ही महसूस होते हैं। नुकसान कुछ नहीं होता। बता दें कि हर साल पूरी दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक रहा था। कई भूकंप सामान्य होते हैं। जबकि कई भूकंप इतने खतरनाक होते हैं कि कई लोगों की मौत हो जाती है। (Earthquake in Nepal)

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