छत्तीसगढ़ में फिर गरमाया धर्मांतरण का मुद्दा, कांग्रेस और BJP के बीच बयानबाजी तेज

Congress BJP on Conversion: छत्तीसगढ़ में फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमा गया है। धर्मांतरण को लेकर कांग्रेस और BJP के बीच जमकर बहसबाजी देखने को मिली है। बता दें कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और आबकारी मंत्री कवासी लखमा अपने बयानों से हमेशा चर्चा में बने रहते हैं, जो फिर से सुर्खियों में हैं। इसकी वजह कवासी लखमा और मोहन मरकाम का धर्मांतरण पर दिया गया बयान है।

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कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण जैसी घटनाएं नहीं हो रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि धर्मांतरण के नाम पर भाजपा लोगों को भड़काने का काम कर रही है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 15 साल भाजपा ने कुछ नहीं किया और अब निराशा के दौर से गुजरते हुए ‘फूट डालो राज करो’ के आधार पर काम कर रही है। (Congress BJP on Conversion)

पूर्व नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने साधा निशाना

वहीं कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि पिछले 4 साल में एक भी आदिवासी ईसाई नहीं बना है। भाजपा सरकार के वक्त बस्तर में धर्मांतरण हुए। उन्होंने भाजपा को नाथूराम गोड़से की पार्टी बताया है। कांग्रेस के आरोपों पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि लोगों को हमें भड़काने और धमकाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 15 साल में हमने जो बिल्डिंग बनवाई थी, उनकी लिपाई-पुताई का काम भी चार साल में नहीं सका है। (Congress BJP on Conversion)

BJP ने कांग्रेस सरकार पर लगाए आरोप

BJP नेता धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार पर धर्मांतरण को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें कि देश में धर्मांतरण की एक बड़ी और गंभीर समस्या वजूद में है। MP के दमोह और छत्तीसगढ़ के नारायणपुर का मामला सबके सामने है। कभी भी समस्या से मुंह मोड़ने से समस्या का हल नहीं होता, समस्या है, तो उसका सामना करना ही होगा, रही बात सियासी बयानबाजी की, तो ये तो चलती रहती है, लेकिन सच यही है कि मिशनरीज पर लालच देकर गरीब, आदिवासी और दलित समुदाय के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगते हैं और इस काम के लिए बाकायदा विदेशों से फंडिंग भी होती है। (Congress BJP on Conversion)

धर्मांतरण को लेकर हुआ था हिंसक प्रदर्शन

भले ही जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना अपराध है, लेकिन इसके बाद भी धर्मांतरण की घटनाएं सामने आती है, जिसका माकूल निदान होने चाहिए। बता दें कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में 2 जनवरी को धर्म परिवर्तन को लेकर आदिवासी संगठनों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। भीड़ ने यहां एक चर्च में तोड़फोड़ की। बीच-बचाव करने जब पुलिस पहुंची तो प्रदर्शनकारियों ने उस पर भी हमला बोल दिया। इस घटना में जिले के SP का सिर फट गया। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में किया गया।

नारायणपुर में अभी भी तनाव का माहौल

धर्म परिवर्तन से गुस्साए कुछ लोग गोर्रा गांव में हथियार और लाठी-डंडा लेकर घुस गए। यहां इन लोगों ने गांव के लोगों से मारपीट की। गांव के लोगों की भीड़ जुटने पर हमलावर मौके से भाग निकले। आदिवासी समाज ने दूसरे पक्ष पर जबरदस्ती धर्मांतरण करने का आरोप लगाया है। घटना के विरोध में सोमवार को आदिवासी समाज ने बैठक बुलाई थी। इसी दौरान ये घटना घटी। धर्मांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में पिछले कई दिनों से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इस दौरान हमले और झड़प भी हुई हैं। इससे पहले 18 दिसंबर को ईसाई धर्म अपनाने वाले आदिवासियों को उनके गांवों से निकाल दिया गया था, जिसके बाद से तनाव जैसे हालात बने हुए हैं। (Congress BJP on Conversion)

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