साइक्लोन मैंडूस ने तमिलनाडु में जमकर मचाई तबाही, अब आंध्र की तरफ बढ़ा तूफान

Cyclone Mandus: साइक्लोन मैंडूस ने तमिलनाडु में जमकर तबाही मचाई है। हालांकि तमिलनाडु में तबाही मचाने के बाद साइक्लोन मैंडूस अब दक्षिण आंध्र प्रदेश की तरफ बढ़ गया है, लेकिन जाते-जाते मैंडूस ने भारी तबाही मचाई। कई जिलों में तेज आंधी की वजह से सैकड़ों पेड़ जड़ से उखड़ गए। चेन्नई के टी नगर इलाके में मोटी दीवार गिरने से 3 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। भारी बारिश से कई जिलों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। कुछ हिस्सों अभी भी बारिश जारी है। हालंकि शुक्रवार देर रात साइक्लोन मामल्लापुरम तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है।

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वहीं मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए 13 जिलों में रविवार तक रेड अलर्ट जारी किया गया है। ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने साइक्लोन मैंडूस के कमजोर पड़ने तक लोगों को बाहर जाने से बचने का अनुरोध किया है। चेन्नई और पुडुचेरी के बीच 1891 से 2021 तक यानी 130 सालों में 12 चक्रवात आ चुके हैं। यह 13 वां चक्रवात है। चेन्नई के टी नगर इलाके में एक दीवार गिरने से 3 कार क्षतिग्रस्त हो गईं। गनीमत रही कि घटना के समय गाड़ियों में कोई नहीं था। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के मुताबिक चेन्नई में शुक्रवार को 3 घंटे में लगभग 65 पेड़ गिरे। पुडुचेरी में समुद्र की लहरों से किनारे पर बने कई घर टूट गए हैं। हालांकि प्रशासन ने इन्हें पहले ही खाली करा लिया था। (Cyclone Mandus)

चेन्नई में तेज आंधी की वजह से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए, जिससे रोड्स ब्लॉक हो गई हैं। कई जगह संपत्ति को भी नुकसान हुआ है। तेज आंधी की वजह से गिरे हुए पेड़ हटाने के लिए म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के साथ NDRF की टीम को भी लगाया गया है। चेन्नई में तेज बारिश के बाद श्रीनिवासपुरम कम्युनिटी और बस्तियों के आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई। ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन कमिश्नर ने मैंडूस साइक्लोन के खतरे को देखते हुए लोगों से पेड़ों के आसपास अपनी गाड़ियां पार्क न करने को कहा है। सभी पार्क और प्ले ग्राउंड बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही लोगों को शनिवार समुद्र के किनारे न जाने को कहा गया है। (Cyclone Mandus)

शिक्षा मंत्री ए नमस्सिवम ने कहा कि पुडुचेरी और कराईकल में सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। तमिलनाडु के साथ मैंड्रोस के असर से आंध्र प्रदेश में भी तेज बारिश जारी है। शुक्रवार को प्रसिद्ध तीर्थ स्थान तिरुमाला तिरुपति में बारिश की वजह से अफरातफरी मच गई। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान बालाजी के दर्शन करने पहुंचते हैं। वे सभी बारिश से बचने के जतन करते नजर आए। तूफान के असर से 48 से 56 घंटे तक बारिश जारी रह सकती है। इस दौरान तेज हवाओं से पेड़ों और मकानों को नुकसान भी पहुंच सकता है। लिहाजा प्रशासन ने गुरुवार से लेकर रविवार तक के लिए अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों को समुद्र तट से दूर रहने और प्रशासन की सलाह पर अमल करने को कहा गया है। (Cyclone Mandus)

बता दें कि चक्रवाती तूफान मंडौस का नाम संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE ने दिया है। अरबी भाषा में इसका अर्थ- खजाना है। इस साल मानसून के बाद बंगाल की खाड़ी में यह दूसरा तूफान है। इससे पहले अक्टूबर में बांग्लादेश के तट पर सितरांग तूफान आया था। सितरंग साइक्लोन ने बांग्लादेश के तटीय विभाग से टकराने के बाद भारत में दस्तक दे दी थी। सितरंग तूफान ने भी जमकर तबाही मचाया था। (Cyclone Mandus)

https://twitter.com/sundar_dom/status/1601404629035937792

जानकारी के लिए बता दें कि साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस से लिया गया है, जिसका अर्थ है सांप की कुंडलियां। इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ट्रोपिकल साइक्लोन समुद्र में कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं। साइक्लोन एक गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं। जब ये साइक्लोन जमीन पर पहुंचते हैं, तो अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लेकर आते हैं। ये हवाएं उनके रास्ते में आने वाले पेड़ों, गाड़ियों और कई बार तो घरों को भी तबाह कर सकती हैं। वहीं कई बार इसका खतरनाक असर भी देखने को मिलता है। (Cyclone Mandus)

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