सुप्रीम कोर्ट ने ED को लगाई फटकार, कहा – मनीष सिसोदिया को अनिश्चितकाल के लिए जेल में नहीं रख सकते

Delhi Excise Policy Case : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी से कहा कि वे दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया को अनिश्चित अवधि के लिए जेल में नहीं रख सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने दोनों जांच एजेंसियों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि निचली अदालत में सिसौदिया के खिलाफ आरोपों पर बहस कब शुरू होगी। पीठ ने राजू से कहा कि आप उसे अनिश्चित काल तक (सलाखों) पीछे नहीं रख सकते। आप उसे इस तरह पीछे नहीं रख सकते। एक बार किसी मामले में आरोपपत्र दाखिल हो जाने पर, आरोप पर बहस तुरंत शुरू होनी चाहिए।

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राजू ने पीठ को बताया कि सिसौदिया के खिलाफ मामले सीआरपीसी की धारा 207 (आरोपी को दस्तावेजों की आपूर्ति) के चरण में हैं और उसके बाद आरोप पर बहस शुरू होगी। न्यायमूर्ति खन्ना ने राजू से कहा कि आरोप पर बहस अभी तक क्यों शुरू नहीं हुई है और कब शुरू होगी? हमें कल (मंगलवार) तक बताएं। शीर्ष अदालत सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों द्वारा जांच की जा रही उत्पाद नीति मामलों में गिरफ्तार किया गया था। (Delhi Excise Policy Case)

घंटे भर चली सुनवाई के दौरान राजू ने कहा कि अगर उप मुख्यमंत्री स्तर का कोई व्यक्ति और उत्पाद शुल्क विभाग सहित 18 विभाग संभाल रहा है, रिश्वत लेता है तो एक उचित उदाहरण स्थापित करने की जरूरत है। बस इस व्यक्ति की भूमिका पर एक नजर डालें। नीति में बदलाव के कारण उपभोक्ताओं को उनके पैसे से वंचित कर दिया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश दिखाने के लिए व्हाट्सएप चैट और अन्य संचार हैं। (Delhi Excise Policy Case)

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