Hamas Attack: कॉन्ग्रेस का हाथ फिलिस्तीन के साथ, CWC की बैठक में प्रस्ताव पास

Hamas Attack: इजरायल और फिलिस्तीन चरमपंथी संगठन हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर देश में भी राजनीतिक पारा चढ़ता नजर आ रहा है. गाजा पट्टी में इजरायल की ओर से किए जा रहे लगातार हमलों के बीच कांग्रेस ने फिलिस्तीन का समर्थन करने का ऐलान किया है. सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अंतिम समय पर इसे लेकर एक प्रस्ताव भी पास किया गया. इससे पहले भी कांग्रेस कई बार खुले तौर पर फिलिस्तीन का समर्थन कर चुकी है.

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पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. इसमें आगामी चुनावों से लेकर चर्चा होनी थी. चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची और अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की गई. बैठक में अंत में फिलस्तीन के लोगों के समर्थन में प्रस्ताव पास किया गया, इसमें कहा गया है कि वहां की जमीन, स्वशासन ओर आत्मसम्मान और जीवन के अधिकारों के लिए कांग्रेस फिलिस्तीन के प्रति अपने समर्थन को दोहराती है. (Hamas Attack)

इजरायल-फिलिस्तीन के बीच छिड़े युद्ध में मारे गए लोगों पर कांग्रेस ने गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त की. कार्यसमिति में पास प्रस्ताव में कांग्रेस ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के जमीन, स्वशासन और आत्मसम्मान एवं गरिमा के साथ जीवन के अधिकारों के लिए दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है. कार्यसमिति तुरंत युद्धविराम और वर्तमान संघर्ष को जन्म देने वाले अपरिहार्य मुद्दों सहित सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत करने का आह्रवान करती है. बैठक में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

इससे पहले भी कांग्रेस लगातार फिलिस्तीन का समर्थन करती रही है, साल 2021 में जून माह में गाजा में फिलिस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष पर भारत के रुख की आलोचना की थी और फिलिस्तीन का समर्थन किया था. कुछ दिनों पहले भी कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा था और फिलिस्तीन से किए गए कमिटमेंट से पीछे हटकर इजरायल को पूरा समर्थन देने का आरोप लगाया था.

इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग भारत के चुनाव पर भी असर डाल सकती है, बेशक कांग्रेस ने फिलिस्तीन के लोगों का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है, लेकिन अन्य राजनीतिक दलों की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया. दरअसल इस युद्ध को मुस्लिम भावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है. इस विवाद की जड़ अल अक्सा मस्जिद से जुड़ी वो दीवार है जिस पर मुसलमान, यहूदी और ईसाई दावा करते रहे हैं. (Hamas Attack)

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