स्वास्थ्य और पोषण की डेल्टा रैंकिंग में देश में पहले नंबर पर सुकमा

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गौरतलब है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे लगातार प्रयासों से निश्चित ही जिले में स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी मापदंडों में स्थिति बेहतर हुई है। जिले में गर्भवती महिलाओं की एएनसी रजिस्ट्रेशन में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं संस्थागत प्रसव में जिले में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, वर्तमान स्थिति में 90 प्रतिशत संस्थागत प्रसव किए जा रहे हैं। बता दें कि  महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत जिले के आंगनबाड़ियों में गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार प्रदान करने की दर 99.14 प्रतिशत है। (Sukma Ranks First)

अक्टूबर माह के ओवरऑल रेंक में मिला तीसरा स्थान

इसी तरह जिले में टीबी के मरीजों की पहचान में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं टीबी मरीजों के सफल इलाज में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, मूलभूत सुविधाओं के विकास, कौशल विकास, जल संसाधन के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप नीति आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर अक्टूबर माह के ओवरऑल रेंक में सुकमा जिला को तीसरा स्थान मिला है, जो कि जिले में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी किए जा रहे बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है और सुकमा जिलेवासी इससे लाभांवित हो रहे हैं। (Sukma Ranks First)

 

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