नगर खरोरा में पहली बार दिखा छत्तीसगढ़िया सांस्कृतिक झांकी, करमा, रउतनाचा और नवदुर्गा झांकी बना आकर्षण

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने स्थापित किया छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा

खरोरा: नगर में रविवार का दिन छत्तीसगढ़ की संस्कृति के नाम रहा, सांस्कृतिक झांकी (Chhattisgarhia Cultural Tableau) और छत्तीसगढ़िया सवांग में अद्भुत महिलाओं की टोली छत्तीसगढ़ महतारी की जयकारा से गुंजायेमान नगर का मुख्यमार्ग साथ ही हजारों की संख्या में छत्तीसगढ़िया समाज और छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के सेनानियों के तांता ने महतारी स्थापना महोत्सव को यादगार बना दिया।

जबर पोरा रैली में धरसींवा विधानसभा क्षेत्र की गांवों से खरोरा पहुंची हजारों महिलाओं ने नए बसस्टैंड में छत्तीसगढ़ महतारी की महाआरती की और नगर भ्रमण कर प्रादेशिक त्योहारों की महत्ता को बल दिया।

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छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना खरोरा की टीम ने नए बस स्टैंड में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और जल जंगल जमीन की साक्षात देवी छत्तीसगढ़ महतारी के लिए आम छत्तीसगढ़िया समाज में अपने प्रदेश की भाषा, संस्कृति और त्योहारों को लेकर जागरूकता पैदा करने की जोरदार कोशिश की। (Chhattisgarhia Cultural Tableau)

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना रायपुर ग्रामीण के अध्यक्ष गजेंद्ररथ ने बताया कि यह गैर राजनीतिक संगठन लगातार अपने लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रही है, प्रदेश की भाषा, संस्कृति को सम्मान देने के लिए काम कर रही है इसी क्रम में महतारी मूर्ति स्थापना छत्तीसगढ़ियावाद की भावना को प्रबल करने कक माध्यम बना है साथ ही हमारी मातृ भूमि को सम्मान देने का क्रम भी शुरू हुआ है।

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना गैर राजनीतिक संगठन के रूप में 8-10 सालों से लगातार प्रदेश की राजनीति को प्रभवित कर रही है और अब छत्तीसगढ़ियावादी लोगों को सत्ता तक पहुंचाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है, संगठन के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल लगातार केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथ लेकर स्थानीय लोगों के रोजगार और अधिकार की बात कर रहें हैं और जहां छत्तीसगढ़िया समाज शोषित हुआ है वहां आगे बढ़ कर आवाज भी बुलंद किया है।

छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर भी संगठन ने लगातार सवाल किए हैं जिसके चलते राज्य सरकार स्कूलों में छत्तीसगढ़ी को एक विषय के रूप में पढ़ाने तैयार हुई है, प्रदेश में लगातार छत्तीसगढ़िया वाद की भावना का विकास हुआ है।

जबर पोरा रैली की जरूर क्यों?

छत्तीसगढ़िया समाज लगातार परप्रांतीय परम्पराओं को आत्मसाध कर रही है और अपने पुरखों के बनाये रीति नीति की अनदेखी कर रहा है ऐसे में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने प्रादेशिक त्योहारों को सड़क पर निकलकर मनाने की शुरुआत की जिससे आज की पीढ़ियों में अपने समाज और संस्कृति के लिए सम्मान और ज्ञान पैदा हो सके और इसका परिणाम भी आगे आ रहे हैं।

खरोरा में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापना

नगर खरोरा में स्थानीय प्रसाशन बीजेपी और राज्य सरकार कांग्रेस की होने का नाम लेकर विकास पर रोक लगा हुआ है नपं अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार खत्म हो चुके हैं वहीं दोनों पार्टियों की आपसी लड़ाई ने नगरवासियों को विकास कामों से दूर कर दिया है ऐसे में छत्तीसगढ़िया समाज और क्रान्ति सेना के प्रयासों ने छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कर नए समीकरण बनने का संकेत दिया है जिससे अब आने वाले समय में बड़े बदलाव की उम्मीद बनी है।

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रमुखों ने दिए बदलाव के संकेत

जिस तरह से छत्तीसगढ़िया जनमानस में छत्तीसगढ़िया वाद शब्द ने जादु जमाया है उससे 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बड़ा असर पड़ने के कयास लग रहे हैं।

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना लड़ेगी विधानसभा का चुनाव ?

जिस तरह से प्रदेश में क्षेत्रवाद की बात हो रही है और स्थानीय लोगों की सत्ता में भागीदारी पर चिन्तन हो रहा है उससे आम जन में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना का चुनावी मैदान में कूदने की बातें हो रही है जिस पर प्रमुखों का कहना है कि यह गैर राजनीतिक संगठन अपने समर्थित लोगों को चुनाव लड़वा कर सत्ता तक पहुंचने का रास्ता बनाएगी।

धरसींवा विधानसभा के सबसे प्रभावशाली क्षेत्र में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति स्थापना को एक बड़े राजनीतिक परिवर्तन के रूप में भी देखा जा सकता है, क्षेत्र के दमदार पत्रकार व लेखक गजेंद्ररथ रायपुर ग्रामीण की जिम्मेदारी के साथ मैदान में होना, इससे यह बात तय होती है कि जब कोई चिन्तनशील बुद्धिजीवी प्रदेशवाद की बात करे और अपनी जमीन पर अपने लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़े तब बड़े परिवर्तन की उम्मीद बड़ जाती है। (Chhattisgarhia Cultural Tableau)

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