मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से दिया इस्तीफा, केएन त्रिपाठी का फॉर्म रिजेक्ट
Mallikarjun Kharge Resigns: कांग्रेस नेता और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नॉमिनेशन करने के एक दिन बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दिया है। खड़गे ने शनिवार को सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। दरअसल, कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति एक पद’ का सिद्धांत है। इसी के तहत खड़गे ने ये इस्तीफा दिया है। अब माना जा रहा है कि पी चिदंबरम या दिग्विजय सिंह राज्यसभा में उनकी जगह ले सकते हैं। इधर, कांग्रेस सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि 30 सितंबर को कुल 20 फॉर्म जमा किए गए। इसके साथ ही तय हो गया है कि अगला अध्यक्ष गैर-गांधी ही होगा।
यह भी पढ़ें:- देश में आज से हुए ये 6 बदलाव, जानिए क्या
स्क्रूटनी कमेटी ने इनमें से 4 फॉर्म खारिज कर दिए हैं। केएन त्रिपाठी के फॉर्म को खारिज कर दिया गया, क्योंकि ये निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर रहा था। अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के दो मौजूदा दावेदारों में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर शामिल हैं। वापसी के लिए 8 अक्टूबर तक का समय है, उसके बाद तस्वीर साफ होगी। कोई नाम वापस नहीं लेता है तो वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। खड़गे को पिछले साल 2021 में कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने के बाद फरवरी में राज्यसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। (Mallikarjun Kharge Resigns)
अब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में श्री @kharge और Dr. @ShashiTharoor के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि झारखंड से उम्मीदवार का पर्चा रद्द हो गया है।
अब 8 अक्टूबर तक विड्रॉल का समय है: श्री मधुसूदन मिस्त्री pic.twitter.com/CDrdHGoHBv
— Congress (@INCIndia) October 1, 2022
बता दें कि दिग्विजय ने खड़गे की एंट्री के बाद खुद को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर लिया था। पार्टी और आलाकमान के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं और नेता प्रतिपक्ष के लिए पहली पसंद बताए जा रहे हैं। फिलहाल दिग्विजय भारत जोड़ो यात्रा का मैनेजमेंट संभाले हुए हैं। उनकी अध्यक्षता में ही भारत जोड़ो प्लानिंग कमेटी बनी है। एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता एक समय में दो पद पर नहीं रह सकता। पार्टी इस सिद्धांत के तहत संगठन में हर लेवल के 50% पदों पर 50 साल या इससे कम उम्र के युवा चेहरों को मौका देना चाहती है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति पार्टी के एक पद पर पांच साल से अधिक समय तक नहीं रहेगा। (Mallikarjun Kharge Resigns)
कार्यकाल समाप्त होने के बाद व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। अगर कोई व्यक्ति किसी पद पर वापस आना चाहता है तो उसे 3 साल की कूलिंग पीरियड के बाद ही मौका दिया जाएगा। उदयपुर में कांग्रेस के तीन तक चले चिंतन शिविर में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर फैसला लिया गया था। इस साल मई महीने राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित किया गया था। इसमें 430 नेताओं ने 2024 लोकसभा चुनाव में जीत के लिए रोड मैप तैयार किया था। इस दौरान पार्टी में कई बड़े बदलावों पर मुहर लगी थी। इसमें ‘एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत’ भी पास किया गया।
वहीं राजस्थान के CM अशोक गहलोत 22 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा के बीच राहुल गांधी से मिलने कोच्चि पहुंचे थे। तब राहुल ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर चलने की बात दोहराई थी। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के पार्टी ने 22 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद राजस्थान के CM अशोक गहलोत भारत जोड़ो यात्रा के बीच राहुल गांधी से मिलने कोच्चि पहुंच गए। इससे पहले अशोक ने अपने एक बयान में कहा था कि वो पार्टी के हित के लिए दो पदों पर भी बने रह सकते हैं, लेकिन उनकी इस मंशा को झटका तब लग जब राहुल गांधी स्पष्ट तौर पर कह दिया कि पार्टी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर ही चलेगी।
कांग्रेस पार्टी के जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक 17 अक्टूबर को चुनाव होगा और 19 अक्टूबर को अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 22 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू हुई, जो 30 तक चली। उम्मीदवार 8 अक्टूबर तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा। (Mallikarjun Kharge Resigns)
बता दें कि कांग्रेस के कुल 30 नेताओं ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा है। जबकि थरूर और त्रिपाठी के प्रस्तावकों में इक्का-दुक्का लीडर्स थे। खड़गे के साथ नेताओं के हुजूम की तस्वीर ये साफ कर रही है कि नॉमिनेशन ही नतीजे हैं। हाईकमान और टॉप लीडर्स के सपोर्ट से खड़गे का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो खड़गे बाबू जगजीवन राम के बाद दूसरे दलित अध्यक्ष बनेंगे। जगजीवन राम 1970-71 में कांग्रेस के अध्यक्ष थे। (Mallikarjun Kharge Resigns)