ये है दुनिया की सबसे शापित फिल्म, जिसके बनने पर 20 लोगों की हुई थी मौत

Most Cursed Movie: आज के आधुनिक दौर में लोग शगुन-अपशगुन को नहीं मानते हैं, लेकिन द एक्सॉर्सिस्ट एक ऐसी फिल्म है, जिसे दुनिया की सबसे शापित फिल्म माना जाता है। ये फिल्म 1973 में आई थी, जिसे दुनिया की सबसे शापित फिल्म माना गया है। ये फिल्म इतनी डरावनी थी कि कई लोगों को सिनेमाघरों में ही हार्टअटैक आ गया। वहीं कई महिलाओं के गर्भपात हो गए। आलम ये था कि अमेरिका में जिस-जिस सिनेमाघर में ये फिल्म लगी थी, उसके बाहर एम्बुलेंस रखी जाने लगीं। इस फिल्म का रिव्यू करने गए फिल्म क्रिटिक भी फिल्म शुरू होने के कुछ मिनटों बाद ही थिएटर से भाग गए थे।

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बता दें कि ये फिल्म अपनी मेकिंग के दौरान ही शापित और मनहूस मानी जाने लगी थी। इस फिल्म की मेकिंग के दौरान इससे जुड़े 20 लोगों की मौत हुई थी। कई हादसे हुए। एक बार सेट जला तो उसमें 9 लोग मारे गए। पूरा सेट जल गया, लेकिन जिस कमरे में भूत वाले सीन शूट होने थे, उस तक एक चिनगारी भी नहीं पहुंची। ये दुनिया की इकलौती फिल्म है, जिसे देखने के बाद लोग इतने डिप्रेशन में चले गए कि भगवान पर यकीन दिलाने के लिए चर्च से प्रीस्ट बुलाए जाने लगे। लोगों को काउंसिलिंग की जरूरत पड़ने लगी। इसके बावजूद फिल्म को देखने का क्रेज ऐसा था कि पहले शो के लिए सुबह चार बजे थिएटर्स के बाहर लाइनें लग जातीं। (Most Cursed Movie)

टिकट के लिए दंगे भी हुए। इस सबके बीच द एक्सॉर्सिस्ट पहली ऐसी हॉरर फिल्म बनी, जिसे ऑस्कर में 10 नॉमिनेशन मिले थे। फिल्म ने दो ऑस्कर और 4 गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीते। फिल्म ने कमाई के भी कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। साल 1969 में कॉमिक नॉवेलिस्ट और हॉलीवुड स्क्रीनराइटर विलियम फ्रेडकिन ने पहली बार हॉरर नॉवेल द एक्सॉर्सिस्ट लिखना शुरू किया। नॉवेल पब्लिश हुआ और बहुत हिट भी रहा। इस सफलता के बाद उन्होंने इस पर फिल्म बनाने का फैसला किया। (Most Cursed Movie)

वहीं वॉर्नर ब्रदर्स ने फिल्म के राइट्स खरीदे, लेकिन जिस भी डायरेक्टर को ये फिल्म बनाने के लिए अप्रोच किया गया, सबने इनकार ही किया। हारकर नॉवेल लिखने वाले विलियम ने खुद इसे डायरेक्ट करने का फैसला किया। कोई बड़ा डायरेक्टर फिल्म में नहीं था तो बड़े एक्टर्स ने भी फिल्म में दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजतन फिल्म में मामूली एक्टर्स लिए गए। फिल्म में लीड रोल निभाने वाली बच्ची के रोल के लिए विलियम ने 1000 लड़कियों के ऑडिशन लेने के बाद लिंडा ब्लैर को साइन किया। 1973 में फिल्म की शूटिंग शुरू हुई। शूट के दौरान एक चिड़िया के इलेक्ट्रिक सर्किट बॉक्स में घुस जाने से पूरे सेट पर आग लग गई।

सेट पर एक्ट्रेस रेगन का घर बनाया गया था, जो फिल्म में मुख्य किरदार निभा रही थीं। आग से पूरा सेट तबाह हो गया, लेकिन जिस कमरे में भूत-प्रेत वाले सीन फिल्माए जा रहे थे, उस कमरे में आग की एक चिनगारी भी नहीं पहुंची। पूरा सेट जलने के बावजूद चमत्कारी तरीके से उस कमरे को बचा देख हर कोई हैरान था। इस हादसे में 9 लोगों की जान गई थी। लगातार होते हादसों के बाद शूटिंग कर रहे ज्यादातर लोग काफी डर गए थे, क्योंकि सेट पर हुआ ये पहला हादसा नहीं था।

6 हफ्तों तक शूटिंग रोक दी गई। कलाकारों में डर बैठ गया था, जिसे समझते हुए डायरेक्टर फ्रेडकिन ने फादर थॉमस बर्मिंघम को सेट को पवित्र करने के लिए बुलाया। फादर थॉमस ने डायरेक्टर से कहा कि अगर सेट का शुद्धिकरण हुआ तो सेट पर मौजूद लोग और भी डर जाएंगे। फादर बिना शुद्धिकरण के ही लौट गए। फिल्म में क्रिस मैकनील की भूमिका निभाने वाली एलेन बर्स्टिन को एक खतरनाक सीन शूट करना था। इस सीन के दौरान उन्हें तारों से लटकाकर इधर-उधर पटका गया था, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी। इस हादसे के बाद वो पूरी शूटिंग के दौरान बैसाखियों पर रहीं।

साल 2018 में एलेन ने बताया कि परफेक्ट शॉट की चाह में डायरेक्टर विलियम फ्रेडकिन और क्रू मेंबर उन्हें बेरहमी से इधर-उधर खींच रहे थे। वो दर्द से चीख रही थीं, लेकिन लोगों को लगा वो एक्टिंग कर रही हैं। एलेन का दर्द इतना बढ़ गया कि उन्होंने गालियां देते हुए कैमरा बंद करने को कहा। डायरेक्टर के इशारे पर कैमरामैन ने एलेन को जमीन पर पटक दिया, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई। को-एक्ट्रेस लिंडा ब्लैर ने भी एलेन की बातों की पुष्टि की थी, लेकिन डायरेक्टर ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया।

वही एक्ट्रेस लिंडा ब्लैर को भी बैक इंजरी हुई, जिससे वो ताउम्र स्कोलियोसिस से परेशान रहीं। क्लाइमैक्स सीन में ब्लैर को माइनस 28 डिग्री सेल्सियस में सिर्फ एक पतली गाउन पहनकर शूट करना पड़ा था, जिससे वो ऐसी बीमार हुईं कि फिर जिंदगीभर उससे उबर नहीं पाईं। इस फिल्म की शूटिंग मोसुल, इराक में हुई थी। 70 के दशक में सिविल वॉर के कारण इराक और US के रिश्ते ठीक नहीं थे। डिस्ट्रीब्यूटर वॉर्नर ब्रदर्स को डर था कि कहीं शूटिंग के दौरान क्रू और एक्टर्स को जान का खतरा ना हो। उन्हें डर था कि क्रू लौटेगी ही नहीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इधर, रूलिंग पार्टी से समझौता कर डायरेक्टर ने सभी तैयारियों और सुरक्षा की जिम्मेदारी ली। इराक की रूलिंग बाथ पार्टी ने शर्त रखी कि शूटिंग की इजाजत तभी मिलेगी, जब लोकल वर्कर्स को शूटिंग के लिए हायर किया जाएगा और उन्हें फिल्म मेकिंग सिखाई जाएगी। फिल्म का क्लाइमैक्स सीन जहां फादर कारस और मेरिन झाड़-फूंक से प्रेत आत्मा को बच्ची के शरीर से निकालते हैं, उसे फिल्माना सबसे चैलेंजिंग रहा। वहीं द एक्सॉर्सिस्ट के कई एक्टर्स के मरने के बाद फिल्म शापित घोषित हुई।

जानकारी के मुताबिक पहली मौत जैक मैकगौरन की हुई, जिन्होंने फिल्म में बर्क डेनिंनिंग्स का रोल प्ले किया था। फिल्म में उन्हें शैतान के हाथों से मरता हुआ दिखाया गया था। शूटिंग खत्म होने के एक हफ्ते बाद ही 1973 में लंदन में फैले फ्लू से बर्क डेनिंनिंग्स की अचानक मौत हो गई थी। फिल्म में फादर डैमिन की मां का रोल प्ले करने वालीं एक्ट्रेस वासिलिकी मालियारोस का फिल्म रिलीज से पहले ही निधन हो गया। वासिलिकी के पास फिल्मों का कोई अनुभव नहीं था, उन्हें एक रेस्टोरेंट में स्पॉट कर रोल ऑफर किया गया था। शूटिंग के दौरान लिंडा ब्लैर, मैक्स वॉन सायडो और कई क्रू मेंबर्स के फैमिली मेंबर्स की भी मौत हो गई। (Most Cursed Movie)

बता दें कि लीड एक्ट्रेस रेगन के दादाजी शूटिंग के पहले हफ्ते में ही गुजर गए। शूटिंग के पहले ही दिन एक्टर वॉन सायडो के भाई की मौत हो गई, जिससे उन्हें शूटिंग छोड़कर स्वीडन जाना पड़ा। फिल्म रिलीज के बाद एक्टर पॉल बैटसन को एक जर्नलिस्ट की हत्या के आरोप में सजा हुई। फिल्म रिलीज के 5 दिन पहले 21 दिसंबर 1973 को द एक्सॉर्सिस्ट की स्क्रीनिंग रखी गई। सीन इतने भयानक थे कि कई दर्शक डर से चीखने लगे और कई थिएटर छोड़कर भाग गए। वॉर्नर्स ब्रदर्स के जो एग्जीक्यूटिव फिल्म का रिव्यू करने पहुंचे, वो इतना डरे हुए थे कि बीच में ही बिना रिव्यू दिए भाग निकले। जो चंद लोग सीट पर जमे रहे, वो फिल्म खत्म होने के बाद भी कई मिनटों तक कुछ नहीं कह सके। (Most Cursed Movie)

साल 1973 में रिलीज हुई फिल्म द एक्सॉर्सिस्ट का प्रीमियर एक ऐसी जगह हुआ, जिसके सामने 16वीं सदी का चर्च था। फिल्म रिलीज के कुछ समय बाद ही बिजली गिरने से उस चर्च का क्रॉस टूटकर जमीन पर आ गिरा। मार्केटिंग स्ट्रैटजी के तहत इसे महज 24 थिएटर्स में ही रिलीज किया गया। फिल्म देखने के लिए ठंड में सुबह 4 बजे लोग टिकट लेने के लिए लंबी लाइन्स में खड़े होते थे। फिल्म देखने की होड़ ऐसी थी कि थिएटर के बाहर टिकट के लिए दंगे तक शुरू हो जाते थे। कई शहरों में भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस तक बुलाई जाती थी। माउथ पब्लिसिटी से फिल्म देखने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। ऐसे में कहा जा सकता है कई ऐसे हादसे हुए जिसकी वजह से इस फिल्म हो सबसे शापित घोषित किया गया। (Most Cursed Movie)

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