सोना खरीदने से पहले इन बातों को जरूर जानें…इस सिस्टम से चोरी हुई ज्वैलरी मिल जाएगी वापस

 

नेशनल न्यूज । देशभर में ज्वेलर्स इन दिनों केंद्र सरकार से खासे नाराज हैं। इसकी वजह है नई हॉलमार्किंग पॉलिसी। जिसे सरकार ने अब अनिवार्य किया है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने यह कदम आनन-फानन में उठा लिया और जब तक सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग का पूरे देश में एक व्यापक ढांचा न तैयार हो जाए, तब तक इसे रोक देना चाहिए।

हॉलमार्किंग एक तरह से यूनिक आईडी

दूसरी ओर सरकार का मानना है कि नियम लागू होने और हॉलमार्किंग का काम जारी रहते भी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो सकता है।दरअसल, जेवर पर हॉलमार्किंग एक तरह से यूनिक आईडी होगी, जिसे तकनीकी भाषा में हॉलमार्किंग यूनिक आईडी या HUID के नाम से जाना जाएगा।

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यह एचयूआईडी (HUID) उस दुकान से जुड़ी होगी, जहां से जेवर बेचा जाएगा। यह यूनिक आईडी उस हॉलमार्किंग सेंटर भी जुड़ी होगी। जहां से शुद्धता का ठप्पा लगेगा।

इन दो तरह की आईडी से बड़ा फायदा यह होगा कि सरकार जेवर को ट्रेस कर सकेगी कि किस दुकान और किस सेंटर से जेवर निकला है। अगर जेवर की क्वालिटी में किसी तरह की मिलावट या फर्जीवाड़ा होगा, तो जूलर की दुकान और हॉलमार्किंग सेंटर पर नकेल कसना आसान होगा।

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जेवरों की शुद्धता बनी रहे और ग्राहकों को मिलावटी सोना न मिले, इसके लिए सरकार हर गहना पर एक यूनिक आईडी देना चाहती है। यही यूनिक आईडी HUID के नाम से जानी जाएगी।

इन बातों का रखें ध्यान…

  • भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस का हॉलमार्क सोने की शुद्धता सुनिश्चित करता है।
  • यही वजह है कि हॉलमार्क वाले आभूषण खरीदारी के लिहाज से सबसे सुरक्षित मान जाते हैं।
  • सोना 18 कैरेट और उससे कम, 22 कैरेट और 24 कैरेट जैसे शुद्धता के विभिन्न वेरिएंट में आता है।
  • हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदना बेहतर है, ताकि आप शुद्धता को लेकर सुनिश्चित रहें।

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