Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर में 3 घंटे के अंदर हुए 2 आतंकी हमले, एक पुलिसकर्मी शहीद, 4 घायल

Terrorist Attack: जम्मू कश्मीर में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है। आतंकियों ने तीन घंटे के अंदर दो जगह सुरक्षाबलों पर हमला किया। पहले आतंकवादियों ने श्रीनगर के सौरा के आंचर इलाके में एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी। जबकि इस हमले में उनकी 9 साल की बेटी घायल हो गई। पुलिस के मुताबिक मृत जवान की पहचान सैफुल्ला कादरी के रूप में हुई है, जिसे मलिक साब इलाके में उसके घर पर गोली मार दी गई थी, जिससे वह और उसकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

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दूसरे हमले में आतंकियों ने कुलगाम के यारीपोरा पुलिस थाना क्षेत्र में ग्रेनेड फेंका। ये ग्रेनेड दीवार पर फटा। इस हमले में तीन नागरिक घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हमले के बाद इलाके की घेराबंदी की गई। वहीं सौरा में हुए हमले के बाद पिता और पुत्री दोनों (Terrorist Attack) को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। हालांकि सिपाही ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि उसकी घायल बेटी जिसके दाहिने हाथ में गोली लगी है, जिसका इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर है।

आतंकी संगठन TRF ने ली जिम्मेदारी

आतंकी संगठन TRF ने सौरा के हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया है कि हमले को गजेल स्क्वॉड ने अंजाम दिया था और विशेष अभियान समूह के जवान को निशाना बनाया था। लश्कर फ्रंट-टीआरएफ ने कई हमलों की धमकी देते हुए कहा कि जल्द ही और अधिक लक्षित (Terrorist Attack) हमले किए जाएंगे। सौरा इलाके में ये दूसरा हमला है। 7 मई को TRF के आतंकवादियों ने ताजा हमले की जगह से सिर्फ एक किलोमीटर दूर ऐवा पुल पर पुलिसकर्मी गुलाम हसन की गोली मारकर हत्या कर दी। सैफुल्ला मई के महीने में आतंकवादी गोलियों की चपेट में आने वाले तीसरे पुलिसकर्मी हैं। क्योंकि 13 मई को पुलवामा जिले में पुलिसकर्मी रियाज अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादी द्वारा मारे गए पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी को श्रद्धांजलि दी। IGP कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि आतंकियों ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दी हैं। उनकी 9 साल की बेटी पर भी फायरिंग की, जो घायल हो गई। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जो भी आतंकवादी शामिल होगा वो बख्शा नहीं जाएगा। जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले को कार्यतापूर्ण (Terrorist Attack) बताते हुए निंदा की और पुलिस कर्मी की परिवार के साथ संवेदना जताते हुए घायल बच्ची के जल्दी ठीक होने की कामना की। उन्होंने कहा कि मैं श्रीनगर के सौरा में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि इस घिनौने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएंगे। मैं शहीद पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी को सलाम करता हूं। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।

पूर्व CM उमर अब्दुल्ला ने भी की निंदा

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर हमले की निंदा की। उन्होंने लिखा, ‘मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी पर हुए इस हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं। कायरतापूर्ण हमलावरों ने न केवल सिपाही को मार डाला बल्कि उनकी 9 साल की बेटी को भी घायल कर दिया।’ 12 मई को जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने चडूरा तहसीलदार ऑफिस के क्लर्क राहुल भट्ट को ऑफिस में घुसकर गोली मार दी थी। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

7 मई को श्रीनगर के अली जान रोड स्थित ऐवा ब्रिज पर आतंकियों ने पुलिसकर्मी गुलाम हसन डार को गोली मार दी थी। 18 अप्रैल को पुलवामा में आतंकियों ने काकापोरा रेलवे स्टेशन के बाहर दुकान पर चाय पीने आए रेलवे सुरक्षा बल के दो जवानों सब इंस्पेक्टर देवराज और हेड कांस्टेबल सुरिंदर (Terrorist Attack) सिंह को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। 21 मई को अनंतनाग जिले के कश्मीरी पंडितों ने सिर मुंडवा कर राहुल भट की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने राहुल भट की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। पंडितों ने जागो मोदी-जागो मोदी, शहीद राहुल भाई अमर रहे, राहुल तेरे कातिल जिंदा हैं जैसे नारे लगाए।

लगातार हमला कर रहे आतंकी

बता दें कि कश्मीरी पंडित अपने ठोस और स्थायी पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक ऐसा नहीं होता तब तक उन्हें जम्मू ट्रांसफर कर दिया जाए। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमले में मारे गए राहुल भट के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। सिन्हा ने कहा कि परिवार को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में आतंकवादियों ने स्थानीय सैनिकों, पुलिसकर्मियों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं। यही नहीं दूसरे राज्यों से आए प्रवासी लोगों पर भी हमले बढ़े हैं। माना जा रहा है कि सुरक्षा बलों के ऑपरेशन ऑल आउट से बौखलाहट के चलते आतंकी ऐसे हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

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