तुर्किये और सीरिया में भूकंप से भारी तबाही, 4300 से ज्यादा लोगों की हुई मौत

Turkey And Syria Earthquake: तुर्किये और सीरिया में भूकंप से जान गंवाने वालों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की और सीरिया में भूकंपों के कारण अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 की तीव्रता  के लगातार 3 भूकंप दर्ज किए गए। वहीं दक्षिणी प्रांतों में घातक भूकंप के बाद तुर्की ने 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। तुर्की की अनादोलु समाचार एजेंसी ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के हवाले से बताया कि तुर्की और विदेशी अभ्यावेदनों में 12 फरवरी की सूर्यास्त तक हमारा झंडा आधा झुका रहेगा।

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बता दें कि मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये, सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क​, ​​​​​​अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। (Turkey And Syria Earthquake)

PM मोदी ने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं। भारत सरकार मदद के लिए राहत सामग्री के साथ NDRF और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुर्की भेज रही है। यूरोपियन यूनियन के साथ भारत भी तुर्किये को मदद भेजेगा। भारत सरकार ने कहा- विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। इजराइल, अजरबैजान, रोमानिया, नीदरलैंड्स भी रेस्क्यू के लिए टीम भेज रहे हैं। (Turkey And Syria Earthquake)

इधर, तुर्किये में भूकंप प्रभावित इलाकों में ब्लड डोनेशन कैंप लगाए गए हैं। रूस ने भी तुर्किये और सीरिया को मदद भेजने का ऐलान किया है। पुतिन फिलहाल 100 बचाव कर्मियों के साथ दो इल्यूशिन-76 एयरक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन भी मदद भेजने के लिए तैयार हैं। तुर्किये के वाइस प्रेसिडेंट फुआत ओक्ते के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया। कहा- देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। फिलहाल, 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। हम मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बना रहे हैं। इसमें सिर्फ एयरक्राफ्ट को लैंड और टेकऑफ की मंजूरी दी जाएगी। (Turkey And Syria Earthquake) 

दरअसल, धरती बड़ी-बड़ी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि धरती के कई मील भीतर जब टैक्टोनिक प्लेट हिलती हैं तो सैकड़ों परमाणु बम के बराबर एनर्जी निकलती है। (Turkey And Syria Earthquake)

ये एनर्जी दो स्टेप में चार तरह की तरंगों के जरिए धरती के बाकी हिस्सों में फैलकर तबाही मचाती है, भूकंप के केंद्र से पृथ्वी की सतह तक ऊर्जा दो तरह की तरंगों से पहुंचती है। P वेव और S वेव। P वेव एक स्प्रिंग की तरह होती है, जिसमें एक रिंग अपने से आगे के रिंग को दबाते हैं। इसकी फ्रीक्वेंसी और स्पीड ज्यादा होती है यानी ये एनर्जी को धरती की सतह तक जल्दी पहुंचा देते हैं। S वेव अंग्रेजी के अल्फाबेट S के आकार में बढ़ती हैं। S वेव की स्पीड P वेव से कम होती है। (Turkey And Syria Earthquake)

10 हजार लोगों की हो सकती है मौत

वहीं यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा है कि भूकंप के कारण दोनों तुर्किये और सीरिया में मरने वालों की संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है।USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस भूकंप में भी 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। क्योंकि अभी भी कई लोगों को मलबे में दबने के आशंका है, जिन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका है। फिलहाल राहत और बचाव अभियान लगातार जारी है। (Turkey And Syria Earthquake)

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