सावन सोमवार : चमत्कारी है रायपुर का हाटकेश्वर महादेव मंदिर, भोलेनाथ को अपने कंधे पर लाए थे हनुमान जी

रायपुर। छत्तीसगढ़

आज देशभर में धूमधाम से सावन का आखिरी सोमवार मनाया जा रहा है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी सभी शिव मंदिरों में भी भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई है। आज हम बताने जा रहे हैं रायपुर के महादेव घाट स्थित प्रसिद्ध हाटकेश्वर महादेव मंदिर के बारे में। राजधानी रायपुर के हटकेश्वर महादेव मंदिर में भक्‍तों का ताता लगा हुआ है।

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भगवान शिव के दर्शन करने आज सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई है। चारों तरफ हर-हर महादेव बम-बम भोले की गूंज सुनाई दे रही है। जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने लगी।

चमत्कारी है ये हाटकेश्वर महादेव मंदिर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महादेव घाट पर हटकेश्वर महादेव का चमत्कारिक मंदिर है। खारुन नदी के तट पर स्थित महादेव मंदिर के पीछे त्रेता युग की एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है। जिसके चलते यहां देशभर ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर खारुन नदी के तट पर होने की वजह से महादेव घाट के नाम से प्रसिद्ध है। 500 साल पुराना भगवान शिव का यह मंदिर प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।यह दर्शन मात्र से ही हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

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शिवजी को अपने कंधे पर लाए थे हनुमान जी

पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी ने शिवजी को अपने कंधे पर यहां लेकर आए थे। इस कथा के चलते ही यह मंदिर दूर-दूर तक जाना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर की भगवान श्रीराम के वन गमन के समय हुई थी। वनवास के दौरान जब वे छत्तीसगढ़ के इस इलाके से गुजर रहे थे, तब इस शिवलिंग की स्थापना लक्ष्मणजी के हाथों हुई थी। कहा जाता है कि स्थापना के लिए हनुमानजी अपने कंधे पर शिवजी को लेकर निकल पड़े, बाद में ब्राह्मण देवता को आमंत्रण करने गए तब तक देर हो गई। इधर लक्ष्मणजी देरी होने से क्रोधित हो रहे थे, क्योंकि स्थापना के समय में देर हो गई थी। जहां स्थापना की योजना बनाई थी, वहां न करके स्थापना के समय को देखते हुए खारुन नदी के तट पर ही स्थापना की।

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मंदिर का इतिहास

1402 ईस्वी में कलचुरी राजा रामचन्द्र के पुत्र ब्रम्हदेव राय के शासन काल में हाजीराज नाइक ने हटकेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया था। ऋषिकेश में गंगानदी पर बने लक्ष्मण झूले की तर्ज कर यहां भी लक्ष्मण झूला है। महादेव घाट में कार्तिक माह की पूर्णिमा को लगने वाला पुन्नी मेला पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है।

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