देवउठनी एकादशी आज, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

पंडित यशस्वी योगेंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य  Devauthani Ekadashi 2023: दीपावली के बाद आज देवउठनी एकादशी है। इस एकादशी का खास महत्व होता है। इसे देवोत्थान एकादशी, देव प्रबोधिनी एकादशी, देवउठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन से हिंदू धर्म में शुभ काम शुरू होते हैं। माना जाता है चार महीने की योगनिद्रा के बाद भगवान विष्णु इस दिन जागते हैं। इसलिए इसे देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन से ही शादियों का सीजन शुरू होता है। गृह प्रवेश और बाकी मांगलिक काम भी शुरू हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त मानते हैं। इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी शादी की जा सकती है।

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कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन यानी आज देव जगाने की परंपरा है। पिछले चार महीने से योग निद्रा में सोए भगवान विष्णु को शंख बजाकर जगाया जाता है। दिनभर महापूजा चलती है और आरती होती है। शाम को शालग्राम रूप में भगवान विष्णु और तुलसी रूप में लक्ष्मी जी का विवाह होता है। घर और मंदिरों को सजाकर दीपक जलाए जाते हैं। तुलसी-शालग्राम विवाह नहीं करवा सकते तो सिर्फ इनकी पूजा भी कर सकते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी पर तीन बड़े ही शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार देवउठनी एकादशी पर रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग रहेगा। इन शुभ योगों के चलते देवउठनी एकादशी का महत्व और बढ़ गया है। (Devauthani Ekadashi 2023)

पूजा के लिए करें ये उपाय

देवउठनी एकादशी पर तुलसी के आसपास साफ-सफाई करें। तुलसी के पास शालिग्राम जी स्थापित करें। इन दोनों को जल चढ़ाएं। हल्दी, दूध, कुंकुम, चावल, भोग, चुनरी  पूजन सामग्री चढ़ाएं। दीपक जलाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें। घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए तुलसी देवी से प्रार्थना करें। तुलसी नामाष्टक का पाठ करें। तुलसी नामाष्टक यानी तुलसी के आठ नाम वाले मंत्र का जप करें। तुलसी का मंत्र – वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।। (Devauthani Ekadashi 2023)

पूजा के 3 शुभ मुहूर्त 

  • रवि योग- शाम 05:16 बजे तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग- शाम 05:16 बजे से अलगे दिन सुबह 06 बजकर 51 मिनट तक
  • सिद्धि योग- सुबह 11 बजकर 54 मिनट से अगले दिन सुबह 09 बजकर 05 मिनट तक

पूजा विधि 

देवउठनी एकादशी के दिन घर की अच्छे से सफाई करें और आंगन में भगवान विष्णु के पैरों की आकृति बनाएं। इसके बाद भगवान विष्णु जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। श्री हरी विष्णु की प्रतिमा के समक्ष शंख और घंटियां बजाकर उनके जागने का आह्वान करें। इस दिन घर के बाहर और पूजा स्थल पर दीये जलाने चाहिए। भगवान हरि को लड्डू और गन्ना, सिंघाड़ा जैसे मौसमी फल अर्पित करें। एकादशी की रात एक घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु समेत सभी देव देवताओं का पूजन करें। साथ ही घर के बड़ों का आशीर्वाद लें। (Devauthani Ekadashi 2023)

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