Sonia Gandhi Hospitalized: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अचानक बिगड़ी तबीयत, गंगाराम अस्पताल में चल रहा इलाज

Sonia Gandhi Hospitalized: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत अचानक बिगड़ गई है, जिसके चलते उन्हें दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सुरजेवाला के मुताबिक उन्हें कोरोना के बाद कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि सोनिया गांधी की तबीयत फिलहाल स्थिर है, लेकिन उन्हें हॉस्पिटल में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

यह भी पढ़ें:- Congress Shivir Effect: ‘चिंतन’ के बाद भी कम नहीं हो रही कांग्रेस की चिंता, अब तक इतने नेताओं ने छोड़ा साथ

उन्होंने सोनिया के सभी शुभिचंतकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को उनकी प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद भी दिया। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कुछ दिन पहले कोरोना हुआ था। इनके बाद प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता संक्रमित पाए गए थे। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सोनिया होम आइसोलेशन में थीं। वहीं प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने सोनिया गांधी को एक नया समन जारी कर नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 23 जून को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। (Sonia Gandhi Hospitalized)

राहुल गांधी कल हो सकते हैं पेश

सोनिया गांधी को पहले 8 जून को पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण उन्होंने पेशी के लिए ED से नई तारीख मांगी थी। अब कोरोना के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब देखना ये होगा कि सोनिया गांधी ED के सामने पेश होंगी या नहीं। बता दें कि सोनिया के अलावा राहुल गांधी को भी ED ने समन भेजा है, जिसके बाद 13 जून यानी कल राहुल ED के सामने पूछताछ के लिए पेश हो सकते हैं।

‘आजादी के आंदोलन की आवाज’ दबाने की साजिश

कर्नाटक के दिग्गज नेता बृजेश कलप्पा सुरजेवाला ने कहा था कि अंग्रेजी हुकूमत को जड़ उखाड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार निकाला, जिसके प्रणेता महात्मा गांधी, पंडित नेहरु, सरकार पटेल, पुरुषोत्तम दास टंडन, आचार्य नरेंद्र देव,रफी अहमद किदवई और अन्य थे। अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने साल 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया, जो साल 1945 तक जारी रहा। ‘आजादी के आंदोलन की आवाज’ बने इस अखबार का मूल मंत्र था- ‘आजादी खतरे में है, अपनी पूरी ताकत से इसकी रक्षा करें।’ उन्‍होंने कहा कि आज फिर उस अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन करने वाली विचारधारा ‘आजादी के आंदोलन की आवाज’ दबाने की साजिश कर रही है। (Sonia Gandhi Hospitalized)

Related Articles

Back to top button