Collectors Ko Nirdesh: अब सभी जिलों में होगा नजरी आंकलन, CM भूपेश बघेल ने कलेक्टर्स को दिए ये निर्देश

Collectors Ko Nirdesh: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अल्प वर्षा वाले जिलों के समस्त क्षेत्रों के नजरी आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने समस्त कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि कई गांवों में अच्छी बारिश ना होने के कारण जिले के समस्त क्षेत्र का पर्यवेक्षण कराया जाए। पहले छत्तीसगढ़ के 9 जिलों की 28 तहसीलों में नजरी आंकलन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलों के समस्त क्षेत्र का परीक्षण कराया जाएगा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समस्त पटवारी हल्का और ग्रामों का नजरी आंकलन कर समय सीमा में प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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वहीं राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रदेश के कुछ तहसीलों में कम बारिश और खंड वर्षा की स्थिति बनने पर सूचना प्रदान करने, राहत मैनुअल के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उल्लेखित है कि प्रदेश के कई जिलों में मानसून 2022 में कम बारिश या खण्ड वर्षा के कारण कई तहसीलों में सूखा की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बन रही है। जिन क्षेत्रों में आंकलन के आधार पर कम वर्षा एवं खण्ड वर्षा से फसल प्रभावित हो रही है। पत्र में कहा गया है कि उसकी सूचना तत्काल प्रदान करें और राहत मैनुअल के अनुसार यथोचित कार्यवाही कर प्रस्ताव शासन को भेजना सुनिश्चित करें। (Collectors Ko Nirdesh)

राजस्व मंत्री ने भी दिए निर्देश

गौरतलब है कि राजस्व मंत्री ने कहा है कि प्रदेश के कुछ हिस्सों में औसत से कम वर्षा होने के कारण खरीफ की फसल लेने वाले किसानों के सामने कठिन स्थिति निर्मित हुई है। जुलाई महीना बीत जाने के बाद भी उन क्षेत्रों में धान की बुआई और रोपाई नही हो पाई है, और जहां हुई है, वहां पर दरारे पड़ रही है। उन्होंने ऐसी स्थिति से प्रभावित तहसीलों में तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

कोरबा कलेक्टर ने लिया स्थिति का जायजा

राज्य शासन के कम वर्षा वाले तहसीलो के सर्वेक्षण करने के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर संजीव झा ने जिले के दूरस्थ क्षेत्रों का दौरा कर जिले में अल्प वर्षा, खंड वर्षा और अवर्षा की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने तहसील दर्री के अंतर्गत स्याहीमुड़ी और तहसील पोड़ी उपरोड़ा के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर वर्षा की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के अंतर्गत ग्राम तानाखार और कोरबी में विभिन्न किसानों के खेतों में पैदल चलकर फसलों की वर्तमान स्थिति का अवलोकन किया। साथ ही कम वर्षा के कारण प्रभावित फसल की पूर्ति के लिए वैकल्पिक रूप में कुल्थी, रामतिल, उड़द, तोरिया आदि फसल लेने के लिए किसानों से चर्चा भी की। कलेक्टर ने वैकल्पिक फसल लेने के लिए गांवों में किसानों की बैठक आयोजित करने तथा किसानों को वैकल्पिक फसलों के बीज प्रदान करने के निर्देश उपसंचालक कृषि को दिए। (Collectors Ko Nirdesh)

कलेक्टर ने लिया फसलों की स्थिति का जायजा

तानाखार में किसानों ने कलेक्टर झा को बताया कि खंड वर्षा और कम बारिश के कारण रोपा और बोता विधि से लगाए गए धान के फसल प्रभावित हो रहे हैं। कलेक्टर ने कोरबी में भी किसानों के खेतों में जाकर फसलों की स्थिति का जायजा लिया। कोरबी के कुछ किसानों ने गांव में ही हसदेव नदी पर बने लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम से पानी आपूर्ति करने की मांग की। किसानों ने लिफ्ट इरिगेशन में आवश्यक क्षमता के पम्प लगाकर और पाइप के माध्यम से खेतों तक पहुंचाने की मांग कलेक्टर से की। कलेक्टर झा ने किसानों की मांग को संज्ञान में लेते हुए लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम से पंप और पाइप लगाकर खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश उप संचालक कृषि और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए। (Collectors Ko Nirdesh)

लगभग 200-250 एकड़ में सिंचाई संभव

इस कार्य के पूर्ण रूप से संचालित होने से लगभग 200-250 एकड़ में सिंचाई हो सकेगी। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कंवर, एसडीएम पोंडी उपरोड़ा नंद जी पांडे, उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला सहित राजस्व एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। बता दें कि कलेक्टर झा ने कोरबा जिले मे वर्तमान मानसून सीजन के दौरान कम वर्षा, खण्ड वर्षा और अवर्षा के कारण प्रभावित हो रहे खरीफ फसल के आकलन के लिए जिले में विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के निर्देश दिये है। उन्होंने राजस्व, कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का एक सप्ताह के भीतर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।

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