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Indian Railway Board: 35 रुपये के लिए रेलवे से 5 साल चला केस, अब रेलवे को देने होंगे 2.5 करोड़ रुपये, जानिये क्या हैं पूरा मामला

Indian Railway Board:  भारतीय रेलवे से 35 रुपये का रिफंड लेने के लिए इंजीनियर और RTI कार्यकर्ता ने लंबी लड़ाई लड़ी। उसका यह संघर्ष आखिर रंग लाया और इसका फायदा उनके साथ IRCTC के 2.98 लाख यूजर्स को हुआ। मामला कोटा से जुड़ा है। भारतीय रेलवे बोर्ड (Indian Railway Board) ने 2.98 लाख यूजर्स को 2.43 करोड़ रुपये लौटाने की मंजूरी दे दी है। पेशे से इंजीनियर और आरटीआई कार्यकर्ता सुजीत स्वामी ने 35 रुपये का रिफंड पाने के लिए करीब 50 आरटीआई लगाई और चार सरकारी विभागों को एक के बाद एक कई पत्र लिखे।

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टिकट कैंसिलेशन पर काट लिया था जीएसटी
मिली जानकारी के अनुसार, सुजीत स्वामी ने आईआरसीटीसी (IRCTC) द्वारा दिए गए आरटीआई (RTI) जवाब के हवाले से बताया है कि कि आईआरसीटीसी ने 2.98 लाख ग्राहकों को रिफंड में 2.43 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी है।

राजस्थान के कोटा के रहने वाले इंजीनियर सुजीत स्वामी की इस लड़ाई का फायदा 2.98 लाख और लोगों को भी मिला है। इन सभी को अब रेलवे 2.43 करोड़ रुपये रिफंड करेगा। इस लड़ाई में दिलचस्प यह भी रहा कि उन्हें 33 रुपये तो 2 साल में मिल गए, लेकिन 2 रुपये के लिए 3 साल और लड़ना पड़ा। सुजीत ने अप्रैल 2017 में स्वर्ण मंदिर मेल में कोटा से नई दिल्ली के लिए 765 रुपये का टिकट बुक किया था। यह टिकट उस साल दो जुलाई की यात्रा के लिए था। लेकिन वेटिंग होने के कारण वह यात्रा नहीं कर पाए। टिकट कैंसिल करवाने पर उन्हें 665 रुपये का रिफंड मिला। सुजीत का कहना है कि रेलवे को सर्विस टैक्स के रूप में 65 रुपये काटने थे, लेकिन कंपनी ने 100 रुपये काट लिए।

35 रुपये के बजाय 33 रुपये मिले
सुजीत ने जुलाई 2017 में मामले को लेकर आरटीआई लगाकर सूचना मांगी। इसके जवाब में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। रेलवे ने बताया कि करीब 2 लाख 98 हजार यूजर्स से प्रति यात्री 35 रुपये सेवा कर (service tax) के रूप में लिए गए थे। सुजीत ने इस बारे में रेल मंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सभी यात्रियों का पैसा रिफंड करने की मांग की। आखिर मई 2019 में IRCTC ने सुजीत के बैंक अकाउंट में 33 रुपये डाल दिए।

सुजीत इससे खुश नहीं हुए। उनका मानना था कि आईआरसीटीसी ने सर्विस टैक्स के रूप में 35 रुपये काटे थे। लेकिन कंपनी ने 35 के बजाय 33 रुपये लौटाए। सुजीत ने दो रुपये का रिफंड पाने के लिए फिर से संघर्ष शुरू किया। उन्होंने जुलाई 2019 में फिर से एक ओर आरटीआई लगाकर दो रुपये का रिफंड मांगा। सुजीत हर दो महीने में आरटीआई के माध्यम से रिफंड की स्थिति की जानकारी लेते थे।

सुजीत ने पीएम नरेंद्र मोदी, मंत्री अनुराग ठाकुर, निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री को कटाक्ष करते हुए ट्वीट किए। हाल ही में 27 मई को सुजीत के पास IRCTC के अधिकारी का फोन आया। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं के रिफंड भारतीय रेलवे बोर्ड (Indian Railway Board) द्वारा अप्रूव होने की जानकारी दी। साथ ही सुजीत के बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी। 30 मई को सुजीत के अकाउंट में रेलवे द्वारा 2 रुपए का रिफंड आया। जिसके बाद सुजीत ने पांच साल चले संघर्ष पूरा होने के बाद धन्यवाद कहने के लिए 535 रुपए पीएम केयर फंड में ट्रांसफर किए।

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