कूनो नेशनल पार्क में फिर एक चीते ने तोड़ा दम, अब तक 10 चीतों की मौत
Cheetah Shaurya Death: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच एक और चीते की मौत हो गई है। नामीबिया से लाए गए चीता ‘शौर्य’ ने दम तोड़ दिया है। इससे पहले चीतों की मॉनिटरिंग कर रही टीम ने सुबह 11 बजे जब उसे देखा तो वह अचेत हालत में था। टीम ने उसे ट्रैंकुलाइज कर सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन दिया। कुछ देर बाद उसे होश आया, लेकिन कमजोरी बहुत थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद शौर्य की मौत के कारण का खुलासा होगा। कूनो में अब तक 7 चीते और 3 शावक मिलाकर ये 10वीं मौत है। प्रोजेक्ट चीता के तहत सितंबर 2022 में 8 चीतों को नामीबिया से लाया गया था। इसके बाद फरवरी 2023 में 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।
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चीता शौर्य अपने सगे भाई गौरव के साथ आया था। दोनों हमेशा एक साथ रहते थे। साथ में शिकार करते थे। कुछ समय पहले दोनों की अग्नि और वायु चीते से भिड़ंत हुई थी। वे दोनों भी सगे भाई थे। इसमें अग्नि गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद चीतों को बाड़े में बंद कर दिया गया था। लगातार हो रही चीतों की मौत की वजह से कूनो प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कूनो में हो रही चीतों की मौत को लेकर मोहन सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- कूनो नेशनल पार्क में दसवें चीते की मृत्यु अत्यंत चिंता का विषय है। एक के बाद एक चीते की मृत्यु के बाद भी सरकार की ओर से ऐसी कोई परियोजना सामने नहीं आई, जिससे चीतों के जीवन के प्रति आश्वस्त हुआ जा सके। (Cheetah Shaurya Death)
Today, on 16th January, 2024 around 3:17 PM, Namibian Cheetah Shaurya passed away…Cause of death can be ascertained after Post Mortem: Director Lion Project pic.twitter.com/ISc2AlCNcy
— ANI (@ANI) January 16, 2024
कमलनाथ ने आगे लिखा- जितनी बड़ी इवेंट और सरकारी धनराशि का अपव्यय कर चीता प्रोजेक्ट लॉन्च करने में किया गया था अगर उसी अनुपात में धनराशि चीतों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ईमानदारी से खर्च की जाती तो यह स्थिति नहीं बनती। अगर अब भी इवेंटबाजी छोड़कर संवेदनशीलता से काम लिया जाए तो बाकी बचे चीतों को सुरक्षित किया जा सकता है। बता दें कि 26 मार्च 2023 से 16 जनवरी 2024 तक 10 चीतों की मौत हो चुकी है। भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई थी। पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। यानी कुल मिलाकर नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे। (Cheetah Shaurya Death)
कूनो नेशनल पार्क में दसवें चीते की मृत्यु अत्यंत चिंता का विषय है। एक के बाद एक चीते की मृत्यु के बाद भी सरकार की ओर से ऐसी कोई परियोजना सामने नहीं आई जिससे चीतों के जीवन के प्रति आश्वस्त हुआ जा सके।
जितनी बड़ी इवेंट और सरकारी धनराशि का अपव्यय कर चीता प्रोजेक्ट लॉन्च करने में…— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 16, 2024
वहीं नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले तीन चीतों और फिर एक-एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। सबसे पहले 26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हुई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने दम तोड़ दिया था। वहीं 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत हो गई थी। जबकि 23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत हुई। इसी तरह 25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की जान चली गई। 11 जुलाई को चीते तेजस की मौत हो गई थी। इसके बाद 14 जुलाई को चीता सूरज ने दम तोड़ दिया। वहीं 2 अगस्त को मादा चीता धात्री ने दम तोड़ दिया था। जबकि 16 जनवरी को चीता शौर्य की मौत हो गई। (Cheetah Shaurya Death)