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बुधवार 22 सितम्बर के वैदिक उपाय, आज ग्रह जन्य अनिष्ट नाशक एवं सफलता के लिए करें यह वैदिक उपाय

आज 22 सितम्बर 2021, दिन – बुधवार का वैदिक उपाय। जिनके नाम निम्न अक्षर से प्रारम्भ होंगे उनके लिए कुछ न कुछ बाधा दिन में आएगी :- ये यो भ,भी भू ध,फ,ढ,भे. मा मी,मू,मे,मो,टा,टी, टू टे चू,चे,चो ला ली लू ले लो अ.।

सिंह, मेष, धनु राशी वालो को बुध गृह का उपाय करना हित कर होगा।
वर्जित – आवला एवं इसके तेल.शेम्पू व्यंजन उत्पाद का प्रयोग नहीं करें।
रोजगार, व्यापार या कार्य विशेष हेतु प्रस्थान के पूर्व – घी – ग्रहण कर प्रस्थान करना चाहिए।
भोजन ( ग्रहण या उपयोग करना चाहिए) : दान पदार्थ- भोजन। बैंगन खाना निषिद्ध है। तेल लगाना भी वर्जित है। कार्य के पूर्व – ब्रह्मा की पूजा। ब्रह्मचारी ब्राह्मण को भोजन – विद्या में सफलता मिलती है। मिथुन, कर्क राशी वाले बाधा नाश के लिए उपाय अवश्य करे।

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अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय :-

कुंडली में, दशा–अन्तर्दशा में होने पर, अशुभ भाव में होने पर दोष के अनिष्ट नाश हेतु अथवा बुध ग्रह की प्रसन्नता/ कृपा के लिए उपाय :– किसी भी मन्त्र के अंत में अवश्य कहे – सर्व सिद्धिम,सफलताम च सर्व वान्छाम पूरय पूरय में नम:/स्वाहा।

सौभाग्य वृद्धिके लिए :

1. स्नान जल मे नदी या तीर्थ जल, चावल, मोती शहद, जायफल, पिपरामुल, नदी या तीर्थ जल मिलाकर स्नान करे।
2. बाधा मुक्ति के लिए दान :- मूंग, हरा वस्त्र, हरी चूड़ी, पालक, फल, कपूर का दान – कन्या, व्यापारी यह किन्नर को दे।
3. दिन दोष आपत्ति निराककरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं :– मूंग, तिल, धनिया, दूध मे से कोई पदार्थ। जिनका बुध अनुकूल हो वे दही Curd अवश्य ले सकते हैं।

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तनाव, परेशानी रोकने एवं सफलता के लिए मंत्र :

बुध ग्रह का गायत्री मंत्र-
(गायत्री मन्त्र पश्चात् गृहस्थ को आवश्यक है बोलना -)
आपो ज्योति रस अमृतम |परो रजसे सावदोम।

ओम सौम्यरूपाय विद्महे बाणेशाय धीमहि
तन्नो बुध प्रचोदयात् ।|आपो ज्योति रस अमृतम |परो रजसे साव दोम |
1 बुध ॐ गजध्वजाय विद्महे सुखहस्ताय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात् ॥
2 ॐ चन्द्रपुत्राय विद्महे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात् ॥
3 ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात्

बुध ग्रह के दोष एवं अनिष्ट नाश तथा बुध ग्रह की प्रसन्नता के लिए उपाय – ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः॥

जैन धर्म मंत्र :

श्री विमलनाथ या श्री मल्लिनाथ भगवान का स्मरण करे:-
ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं |
ॐ ह्रीं बुधग्रह अरिष्टनिवारक-श्री मल्लिनाथजिनेन्द्राय नम:
सर्वशांतिं कुरुकुरु स्वाहा।
मम (.अपना नाम.) दुष्टग्रहरोगकष्टनिवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

अशुभ ग्रह से सुरक्षा का मंत्र – ब्रह्माण्डपुराणोक्त
उत्पात रूपो जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति:।
सूर्य प्रिय करो विद्वान् पीडां हरतु मे बुध:।।
जगत् में उत्पात करने वाले महान द्युति से संपन्न सूर्य का प्रिय करने वाले विद्वान तथा चन्द्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें।। (ब्रह्माण्डपुराण)
बुध- ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेधामयं च। अस्मिन्त्सधस्थे् अध्यु त्तरस्मिन् विश्वे देवा यशमानश्च सीदत।। (यजु. 15।54)

शाबर मन्त्र :

ओम गुरूजी बुधवार बुध लेकर जूंझे।
पॉंच पचीस ले घट में चढ़े। निसाण घुरावे
आवागमन में कदे न आवे।।
बुध करो शुद्ध, घर सगत पाणी भरे।
बुधवार अत्रि गोत्र, पीत वरण, चार हजार जाप, मगहद देश, ईशान कोण, स्थान बाणाकार मंडल ४ अंगुल।
कन्या मिथुन राशि के गुरू को नमस्कार।।
सत फिरे तो वाचा फिरे।।
पान फूल वासना सिंहासन धरै तो इतरो काम बुधवार जी महाराज करे।।
ओम फट् स्वाहा ll

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