यौन अक्षम पाया गया दुष्कर्म का आरोपी, 7 साल बाद कोर्ट ने किया रिहा

Bilaspur Highcourt: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 7 साल पुराने दुष्कर्म के मामले पर आरोप को रिहा कर दिया है। दरअसल बलात्कार के आरोप में जेल में बंद व्यक्ति को हाईकोर्ट (Bilaspur Highcourt) ने यौन अक्षम मानते हुए बरी कर दिया है। मेडिकल जांच की रिपोर्ट में पीड़ित यौन अक्षम पाया गया। इस मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब तक जेल में काट चुकी सजा को पर्याप्त माना जाए और शख्स को रिहा कर दिया जाए।

कोर्ट ने 7 साल की सजा को पर्याप्त मानते हुए आरोपी को बरी कर दिया। साथ ही कोर्ट ने 5 हजार रुपए का व्यक्तिगत बांड ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

ये है पूरा मामला 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित का मेडिकल परीक्षण किया गया। लेकिन अभियोजन पक्ष ने ना तो डॉक्टर की रिपोर्ट जांची और ना ही उक्त दस्तावेज को साबित किया। हाईकोर्ट की अंतिम सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने ऐसे दस्तावेजों की सामग्री पेश की जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया। कोर्ट ने सबूतों के परीक्षण को महत्वपूर्ण कहा और इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त को अब तक जेल में काट चुकी सजा को पर्याप्त मानते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया है।

8 साल पहले का था केस

आरोपी को 25 अक्टूबर 2014 को गिरफ्तार किया गया और जांच पूरी करने के बाद उस पर आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले में याचिकाकर्ता ने बताया कि उसे रंजिश के कारण पीड़िता के मामा ने झूठे आरोप में फंसाया है, हालांकि ट्रायल कोर्ट ने नाबालिग के बयान को प्राकृतिक और विश्वसनीय माना, जिसके आधार पर ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दोषी ठहराया। उसे 10 साल की सजा सुनाई थी।

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