बलौदाबाजार में धूमधाम से मनाया गया आदिवासी दिवस समारोह, मुख्यमंत्री के निर्देश पर 5 वन समितियों को वन संसाधन अधिकार पर वितरित

बलौदाबाजार-भाटापारा । छत्तीसगढ़

विश्व आदिवासी दिवस आज बलौदाबाजार जिले में भी धूमधाम से मनाया गया। राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आथित्य में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से एनआईसी के जरिए जिले के अनेक लोग भी शामिल हुये। मुख्यमंत्री ने आदिवासी दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उनके निर्देश पर जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा ने कसडोल विकासखण्ड के 5 वन समितियों एवं पंचायतों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किये। इस अवसर पर कलेक्टर सुनील कुमार जैन, जिला पंचायत सीईओ फरिहा आलम सिद्दिकी, डीएफओ के.आर.बढ़ाई और सहायक आयुक्त आशीष बनर्जी सहित सम्बन्धित वन अधिकार समिति के अध्यक्ष एवं सरपंच उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा और असनीद सरपंच रामचन्द ध्रुव से चर्चा भी की। राकेश वर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले के कसडोल और बिलाईगढ़ क्षेत्रों में जंगलों की बहुलता है। बड़ी संख्या में इस इलाके के लोगों को वन अधिकार पत्र मिले हैं। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को जोड़कर आदिवासी हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों द्वारा सीमेंट पैकिंग योग्य बैग निर्मित कराकर सीमेंट कारखानों में बेचने का सुझाव दिया। कलेक्टर जैन ने बताया कि जिले में अब तक 10,220 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके हैं। उन्हें लगभग 11 हज़ार 602 हेक्टयर भूमि सौंपी गई है। इसके अलावा 219 सामुदायिक वन अधिकार पत्र के अंतर्गत 30,579 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आज 5 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र बांटे गए हैं, जिसकी कुल रकबा 1473 हेक्टेयर है। इस अवसर पर जिला कार्यालय परिसर में पौधे भी लगाए गए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार सहित प्रदेशवासियों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है। राज्य सरकार आदिवासियों की प्राचीनतम परंपरा, संस्कृति और जीवन मूल्यों को सहेजते हुए उनके विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यहां की करीब 31 प्रतिशत आदिवासी जनता और शेष आबादी के बीच की दूरी को कम करते हुए उन्हें मुख्य धारा से जोड़कर आगे बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोले गए हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने बीते ढाई साल में कई अहम फैसले लिये हैं। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना और यहां आदिवासी विकास प्राधिकरणों में स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति, 52 वनोपजों की समर्थन मूल्य में खरीदी, आदिवासी क्षेत्रों में नई प्रशासनिक इकाईयों का गठन, नई सडकें, हाट बाजारों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने जैसे कई प्रयास आदिवासी समाज की बेहतरी के लिए किए गए हैं।

सीएम बघेल ने कहा है कि मुझे खुशी है कि हमने तेजी से आदिवासियों के हितों के लिए निर्णय लिए जिससे उनका जीवन अधिक सरल हो सका है। हमने वन अधिकार पट्टों के माध्यम से हजारों आदिवासियों को जमीन का अधिकार देकर उन्हें आवास, और आजीविका की चिंता से मुक्त करने का प्रयास किया है। हमारी कोशिश है कि आदिवासी समुदाय तक सीधे सरकार की विकास योजनाएं पहुंचे और जल, जंगल और जमीन को लेकर उनकी चिंता दूर हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने के लिए हमने अनेक कदम उठाए हैं। हमने छत्तीसगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया है। प्रदेश में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन राजधानी रायपुर में किया गया। देवगुड़ी और घोटुल के विकास और सौंदर्यीकरण की पहल की जा रही है। इससे सभी लोगों को आदिवासी समाज की परंपरा, संस्कृति और उनके उच्च जीवन मूल्यों को समझने का अवसर मिला है।

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