शरीर के इन 3 अंगो पर तिल होने से छाई रहती है कंगाली
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सामुद्रिक शास्त्र
सामुद्रिक शास्त्र
सामुद्रिक शास्त्र में शरीर पर तिल होने का खास महत्त्व बताया गया है। हालांकि, हर अंग के तिल का अर्थ भी अलग ही निकलता है।
सामुद्रिक शास्त्र में शरीर पर तिल होने का खास महत्त्व बताया गया है। हालांकि, हर अंग के तिल का अर्थ भी अलग ही निकलता है।
शरीर के कुछ हिस्सों पर मौजूद तिल व्यक्ति को बेहद भाग्यशाली बना देते हैं। वही, कुछ अंगों पर तिल का होना अशुभ माना जाता हैं।
भाग्यशाली तिल
भाग्यशाली तिल
माथे पर तिल
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक , अगर माथे के बाएं तरफ तिल है तो यह अशुभ होता है। इस तरह के व्यक्ति को भाग्यशाली भी नही माना जाता है।
स्वार्थ की भावना
यह भी कहा जाता है कि इस प्रकार का व्यक्ति स्वार्थी होता है। इतना ही नहीं स्वार्थ की भावना के कारण उन्हें समाज में अपमान का सामना भी करना पड़ता है।
होंठ पर तिल
यदि किसी व्यक्ति के होंठ पर तिल है तो उसे हमेशा स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को सेहत के प्रति सचेत रहने कि जरूरत होती है।
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक , किसी व्यक्ति की पीठ पर कंधे के नीचे तिल है तो ये भी अशुभ है। इस जगह तिल होने वालों की कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कंधे के नीचे तिल
ऐसे लोगों के जीवन में तरक्की के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे इंसान आलसी भी होते है ।