सनातन धर्म में पान के पत्तों का विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है। देवी देवत्ताओ को प्रसन्न करने के लिए पूजा में इन पत्तों का इस्तेमाल होता हैं।
पूजा - पाठ में पान के पत्तों का कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। पान के पत्तों में देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए ये पत्ते बहुत पवित्र होते हैं।
पान के पत्ते ताजगी और समृद्धि का प्रतिक होते हैं। भगवान को इन पत्तों को अर्पित किया जाता है , ताकि उनकी कृपा हमको मिल सके।
पान के पत्ते की तरह कपूर का भी धार्मिक महत्त्व होता है। देवी-देवताओं की आरती करते समय पान और कपूर दोनों का इस्तेमाल किया जाता हैं।
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि पान के पत्ते पर कपूर रखकर भगवान की आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती हैं
ज्योतिष और विज्ञान दोनों में ही कपूर को जलाना शुभ बताया गया है। जलते हुए कपूर की सुगंध से घर की हवा में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही , घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म होने से आपके घर में खुशहाली दस्तक देगी। इस वजह से पूजा के दौरान पान के पत्तों पर कपूर रखकर जलाना शुभ माना जाता है।