सनातन धर्म में कार्तिक महीने का काफी महत्त्व होता है यह महीना भगवान विष्णु को बेहद ही प्रिय है।कार्तिक मास से देव तत्व भी मजबूत होते है।
इस महीनें में भगवान विष्णु जय निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है. माता लक्ष्मी का भी आगमन होता है।
कार्तिक महीने में धन और धान्य दोनों से संबंधित कई प्रयोग और नियम हैं। इस महीनें में विशेष रुप से श्रीहरि की उपासना होती हैं।
कार्तिक महीनें में तुलसी का रोपण कौर विवाह सर्वोत्तम होता है।इस महीने दान करने से शुभ फल की प्राप्ति भी होती हैं।
इस महीने में श्री विष्णु जी के साथ तुलसी की भी पूजा की जाती है। कार्तिक महीनें में सुबह उठकर स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
कार्तिक के पावन महीने में तुलसी पूजा पूजन, रोपण और सेवन करने का विशेष महत्त्व होता है। इस महीने में तुलसी पूजा का महत्त्व कई गुना अधिक होता है।
कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान करना बताया गया है। इस महीने में नदी ,तालाब और घाट के एक कोने में दीपक जलाया जाता है
कार्तिक महीने में शरीर पर तेल लगाने के लिए भी मनाही होती है। इस महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी के दिन शरीर पर तेल लगाना चाहिए।