भारत का पहला सोलर मिशन लॉन्च, 63 मिनट में अर्थ ऑर्बिट में पहुंचेगा आदित्य L-1

Mission Aditya-L1: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO एकबार फिर इतिहास रचने वाला है। दरअसल, ISRO ने सूर्य की स्टडी के लिए अपना पहला मिशन भेज दिया है। भारत का पहला सूर्य मिशन AdityaL-1 सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ। आदित्य L1 को रॉकेट 235 x 19500 Km की ऑर्बिट में छोड़ेगा। इसमें 63 मिनट 19 सेकेंड का समय लगेगा। ये स्पेसक्राफ्ट करीब 4 महीने बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। ​इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है।

यह भी पढ़ें:- दिल्ली में होगी I.N.D.I.A गठबंधन की चौथी बैठक, सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर होगा मंथन

आदित्य स्पेसक्राफ्ट को L1 पॉइंट तक पहुंचने में करीब 125 दिन यानी 4 महीने लगेंगे। ये 125 दिन 3 जनवरी 2024 को पूरे होंगे। अगर मिशन सफल रहा और आदित्य स्पेसक्राफ्ट लैग्रेंजियन पॉइंट 1 पर पहुंच गया, तो नए साल में इसरो के नाम ये बड़ी उपलब्धि होगी। जानकारी के मुताबिक इस मिशन के पहले फेज में आदित्य एल 1 को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के जरिए लॉन्च किया जाएगा। इसरो का लक्ष्य इसे धरती की निचली कक्षा में स्थापित करने का है। इसके बाद आदित्य एल1 के ऑर्बिट को बढ़ाया जाएगा। इसके बाद ये पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकलेगा। फिर इस मिशन का क्रूज स्टेपर शुरू हो जाएगा। (Mission Aditya-L1)

अगले चरण में एल-1 के हर तरफ बड़ी हैलो ऑर्बिट को स्थापित करेगा। ये सब इसरो द्वारा होगा। इसरो का कहना है कि सूर्य की बाहरी परतों की जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से आदित्य एल 1 पर 7 पेलोड लगे हुए है। इसमें से चार पेलोड सूर्य के आसपास की जानकारी हासिल करेंगे। अन्य तीन पेलोड एल1 पॉइंट के आसपास में रिसर्च करेंगे। बता दें कि सूर्य और धरती की दूरी 15 करोड़ किमी है। दोनों के बीच लैग्रेंज प्वाइंट ऐसी जगह है जहां से सूर्य को सीधे बिना किसी रूकावट के देखा जा सकता है। इस संबंध में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने जानकारी दी थी कि इसे एल-1 प्वाइंट तक पहुंचने में 120 दिन यानी 4 महीने के वक्त लगेगा। (Mission Aditya-L1)

Related Articles

Back to top button