विश्व स्तनपान सप्ताह- गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को दी जा रही स्तनपान के महत्व की जानकारी

धमतरी। छत्तीसगढ़

प्रत्येक वर्ष के अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जाता है जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों के द्वारा गृह भ्रमण कर माताओं को स्तनपान के महत्व की जानकारी दी जाती है। इस परिप्रेक्ष्य में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुरे ने बताया कि ‘स्तनपान की रक्षा, एक साझी जिम्मेदारी‘ थीम पर आधारित विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन एक अगस्त से सात अगस्त के बीच किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत बच्चों को दुग्धपान की आवश्यकता तथा महत्व की जानकारी माताओं को दी जाती है।

उन्होंने बताया कि बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु स्तनपान अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिन शिशुओं को जन्म के एक घण्टे के भीतर स्तनपान नहीं कराया जाता है उनमें मृत्युदर की आशंका 33 प्रतिशत अधिक होती है। यह भी बताया कि छह माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से सामान्य रोग जैसे दस्त, निमोनिया के खतरे में क्रमशः 11 प्रतिशत व 15 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है, साथ ही माताओं में स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने यह भी बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान ब्लॉक एवं चिकित्सा इकाई स्तर पर ‘स्तनपान के लिए समर्पित एक घण्टा‘ संबंधी गतिविधियां आयोजित कराई जा रही हैं। इसी तरह सामुदायिक स्तर पर ग्राम सभी अथवा ग्राम भ्रमण के दौरान मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी द्वारा समुदाय में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बी.के. साहू ने इस संबंध में बताया कि स्तनपान न केवल शिशुओं और माताओं को, बल्कि समाज और देश को भी कई प्रकार के लाभ होते हैं। नवजात शिशु के लिए यह न सिर्फ सम्पूर्ण आहार होता है, बल्कि अमृत के समान होता है। छह माह तक स्तनपान ही कराना होता है, उसके बाद शिशु को संपूरक आहार देना प्रारम्भ करना चाहिए एवं शिशु के दो साल पूर्ण होने तक स्तनपान जारी रखना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2016 में स्तनपान व ऊपरी आहार को बढ़ावा देने के लिए ‘मां‘ कार्यक्रम की शुरूआत की, जिसके तहत स्वास्थ्य अमले के द्वारा गर्भवती माताओं को स्तनपान के लाभ और प्रबंधन की जानकारी दी जाती है।

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