हरदिया साहू समाज का सामूहिक विवाह का फैसला सराहनीय: CM बघेल

Hardiya Sahu Samaj: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ हरदिहा साहू समाज द्वारा आयोजित सामाजिक आदर्श विवाह कार्यक्रम में नव दम्पत्तियों को आशीर्वाद और उनके सुखमय जीवन की शुभकामनाएं दी। आदर्श विवाह कार्यक्रम में 108 जोड़ो का विवाह सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ हरदिहा साहू समाज रायपुर द्वारा हाई स्कूल परिसर, डूंडा में आयोजित सामाजिक आदर्श विवाह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि खर्चीली शादी जैसी सामाजिक बुराई से निजात पाने के लिए हरदिया साहू समाज ने सबसे पहले सामूहिक विवाह का फैसला किया है, इसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है।

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उन्होंने कहा कि समाज में सबकी सहमति और सबकी भागीदारी से सामूहिक विवाह का अभूतपूर्व फैसला लिया वह सराहनीय है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाले नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और सुखमय जीवन की कामना करते हुए कहा कि समाज और संगठन का मतलब लोगों का जुड़ना है। समाज और संगठन में लोग जितना जुड़ेंगे उतना हमारा समाज और संगठन मजबूत होगा। हमें साथ मिलकर सामाजिक कुरूतियों और बुराई को हटाना है। (Hardiya Sahu Samaj)

कार्यक्रम में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, विधायक सत्यनारायण शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा, छत्तीसगढ़ हरदिहा साहू समाज के अध्यक्ष त्रिलोकी साहू, छत्तीसगढ़ हरदिहा साहू रायपुर परिक्षेत्र के अध्यक्ष डेरहा राम साहू उपस्थित थे। (Hardiya Sahu Samaj)

CM ने आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को किया नमन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में भूमकाल स्मृति दिवस पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, संसदीय सचिव यू. डी. मिंज, विधायक गुलाब कमरो और देवेंद्र यादव भी उपस्थित थे । मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का आगाज करने वाले नायक गुुंडाधुर का बलिदान हमेशा इतिहास में अमर रहेगा। 10 फरवरी 1910 को बस्तर के आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका था। (Hardiya Sahu Samaj)

इस विरोध को बुलंद करने में आदिवासी जननायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इन्हीं जननायकों में से अमर शहीद गुुंडाधुर के नेतृत्व में भूमकाल विद्रोह में आदिवासियों ने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर संघर्ष किया। उनकी याद में छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से प्राचीन दंडकारण्य क्षेत्र के स्थानीय लोग हर साल भूमकाल दिवस मनाते है। आदिवासी चेतना के प्रतीक के रूप में शहीद गुंडाधुर जनमानस में हमेशा जीवित रहेंगे। उनकी स्मृति में मनाया जाने वाला भूमकाल दिवस सदा हमें शोषण के विरूद्ध आवाज बुलंद करने का साहस देता रहेगा। (Hardiya Sahu Samaj)

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