5 राज्यों में उपचुनावों की घोषणा, छत्तीसगढ़ में भी होंगे चुनाव

By Election 2022: भारत चुनाव आयोग ने ओडिशा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उपचुनावों के तारीखों की घोषणा कर दी है। सभी जगहों पर 5 दिसंबर को मतदान और 8 दिसंबर को मतगणना होगी। छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने पत्रकार वार्ता में भानुप्रतापपुर विधानसभा उपनिर्वाचन के संबंध में जानकारी दी। पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विपिन मांझी और डॉ. के आर आर सिंह उपस्थित थे।

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बता दें कि ये उपचुनाव कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए होना है। ये सीट पिछले महीने कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी के निधन से खाली हुई है। चुनाव गुजरात चुनाव के साथ ही कराया जाएगा। इसका परिणाम भी गुजरात-हिमाचल के परिणामों के साथ आएगा। निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में एक संसदीय सीट और पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव का कार्यक्रम जारी किया है। इसमें उत्तर प्रदेश की मैनपुरी संसदीय सीट है। इसके अलावा ओडिशा की पद्मपुर, राजस्थान की सरदार शहर, बिहार की कुरहनी, छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर और उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। (By Election 2022)

चुनावों की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी कर दी जाएगी। इसी के साथ नामांकन शुरू होगा। पांच दिसम्बर को मतदान और 8 दिसम्बर को मतगणना की तारीख तय की गई है। चुनाव कार्यक्रम जारी होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ में अगले साल नवंबर में विधानसभा के आम चुनाव हैं। ऐसे में तय माना जा रहा है कि भानुप्रतापपुर की रिक्त सीट पर चुनाव दिसम्बर-जनवरी तक करा लिया जाएगा। इससे पहले निर्वाचन आयोग को कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी थी। दो नवम्बर को निर्वाचन आयोग ने भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों के तौर पर अधिसूचित अधिकारियों में बदलाव कर नई अधिसूचना जारी की। (By Election 2022)

निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक कांकेर के जिला पंचायत सीईओ भानुप्रतापपुर के निर्वाचन अधिकारी होंगे। वहीं कांकेर के डिप्टी कलेक्टर और भानुप्रतापपुर के तहसीलदार को सहायक निर्वाचन अधिकारी नामित कर दिया गया है। संयुक्त मध्य प्रदेश के समय 1962 में पहली बार भानुप्रतापपुर का विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया। पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया। 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते। 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते। 1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह जीत गए। 1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत हुई। 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने। 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की। 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की। (By Election 2022)

कांकेर के भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक और आदिवासी समाज के प्रभावशाली नेताओं में से एक मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। अस्पताल पहुंचने तक उनका निधन हो चुका था। उनकी अन्त्येष्टि में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत प्रदेश कांग्रेस का पूरा नेतृत्व उनके पैतृक गांव नथिया नवागांव पहुंचा था। प्रदेश में राजकीय शोक घोषित हुआ। उनके निधन के बाद विधानसभा में उनकी सीट को रिक्त घोषित कर निर्वाचन आयोग को सूचना भेजी गई थी। (By Election 2022)

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