छत्तीसगढ़ के 7 सीटों पर मतदान कल, जानिए किन मुद्दों पर डाले जाएंगे वोट

छत्तीसगढ़ के 7 लोकसभा सीटों पर तीसरे और अंतिम चरण के लिए कल यानी 7 मई को वोटिंग होगी। इस बार के चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी है। इस चुनाव में भाजपा हिंदुत्व और राम मंदिर को लेकर मैदान में है। जबकि कांग्रेस रोजगार और गरीबी को मुद्दा बनाए हुए हैं। छत्तीसगढ़ में लोकसभा के कुल 11 सीट है, जिनमें से 4 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुके हैं। पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर लोकसभा सीट पर चुनाव हुए थे। वहीं 26 अप्रैल को दूसरे चरण में महासमुंद, कांकेर और राजनांदगांव में वोट डाले गए। अब प्रदेश के 7 सीटों पर कल वोटिंग होगी।

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रायपुर लोकसभा के मुद्दे

रायपुर लोकसभा में शहरी विकास, पानी और रोजगार की समस्या हावी है। हालांकि रायपुर के ग्रामीण और शहरी इलाकों के मुद्दे अलग-अलग है। ग्रामीण इलाकों में खेती-किसानी को लेकर लोग वोट करने के मुड में है। जबकि शहरी क्षेत्र में वोटर्स सड़क और विकास को लेकर वोट करने का सोच रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस ने भी विकास को बड़ा मुद्दा बनाया हैं। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के कई सांसद रहे, लेकिन कोई काम नहीं हुए। जबकि भाजपा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में 5 साल कांग्रेस की सरकार थी, जिन्होंने भाजपा के सांसद को काम करने नहीं दिया। इस बार रायपुर लोकसभा सीट से BJP ने कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और कांग्रेस ने विकास उपाध्याय को टिकट दिया है।

बिलासपुर लोकसभा के मुद्दे

बिलासपुर लोकसभा में कास्ट पॉलिटिक्स और बाहरी का मुद्दा हावी है। दरअसल, BJP ने तोखन साहू को प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने विधायक देवेंद्र यादव को टिकट दिया है। बता दें कि बिलासपुर में सबसे ज्यादा साहू और यादव वोटर्स हैं। ऐसे में हर जगह इसी की चर्चा है। कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव पर बाहरी होने का टैग लगा है, लेकिन उन्होंने इस दूरी को पाटने की पूरी कोशिश की है। वहीं साहू समाज का बड़ा सपोर्ट बीजेपी प्रत्याशी तोखन साहू को मिल रहा है। बिलासपुर लोकसभा सीट पर हिंदू वोटर्स के बीच राम मंदिर और हिंदुत्व बड़ा मुद्दा है। मोदी की गारंटी को लेकर भी लोग चर्चा कर रहे हैं।

दुर्ग लोकसभा के मुद्दे

बिलासपुर की तरह ही दुर्ग लोकसभा में भी कास्ट पॉलिटिक्स हावी है। जातीय समीकरणों के आधार पर कांग्रेस ने राजेंद्र साहू को प्रत्याशी बनाया है। जबकि मौजूदा सांसद विजय बघेल पर बीजेपी ने फिर से भरोसा जताया है। बघेल कुर्मी समाज से आते हैं और पिछले चुनाव में उन्होंने 3 लाख 91 हजार मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। तब उनके खिलाफ कुर्मी समाज का ही प्रत्याशी था। इस बार जातीय समीकरण कारगर साबित हुआ तो राजेंद्र साहू उन्हें तगड़ी चुनौती बन सकते हैं। इसलिए तमाम मुद्दों की जगह कास्ट फैक्टर ही सबसे बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा भ्रष्टाचार का मुद्दा भी छाया हुआ है। दरअसल, इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाले बड़े नेताओं का नाम महादेव सट्टा एप, कोयला और शराब घोटालों में आ चुका है।

कोरबा लोकसभा के मुद्दे

कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को टिकट दिया है। जबकि BJP ने सरोज पांडेय को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में इस लोकसभा सीट पर बाहरी और स्थानीय के साथ ही फाटक की समस्या और प्रदूषण से होने वाले बीमारियों का मुद्दा छाया हुआ है। दरअसल, शहर को बीच से रेलवे लाइन काटती है। मालगाड़ियां या दूसरी ट्रेनों के लिए फाटक बंद ही रहता है, जिससे ट्रैफिक की समस्या होती है। वहीं प्रदूषण और धूल से कई तरह की बीमारियां हो रही है, लेकिन क्षेत्र में बड़े अस्पतालों की सुविधा नहीं है, जिसे लेकर लोगों में नाराजगी है।

सरगुजा लोकसभा के मुद्दे

 

रायगढ़ लोकसभा के मुद्दे

जांजगीर-चांपा लोकसभा के मुद्दे

 

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