Chief Minister’s face : छत्तीसगढ़ में BJP की जीत के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम को लेकर चर्चा जारी है। पुराने दिग्गजों के साथ महिला सांसद-विधायक भी सीएम और मंत्री बनने की रेस में हैं। चर्चा है कि आदिवासी या फिर ओबीसी कोटे से प्रदेश को नया सीएम मिल सकता है। इसके अलावा आरएसएस की पसंद को प्राथमिकता देने की चर्चा राजनैतिक गलियारे में गर्म है।
सीएम (Chief Minister’s face) की रेस में वैसे तो 4 नाम रेस में आगे चल रहे हैं, लेकिन चर्चा है कि बीजेपी महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस को भी बीजेपी वापस लाकर छत्तीसगढ़ की कमान दे सकती है। इस लिस्ट में विजय बघेल का नाम भी जुड़ गया है। वहीं, संघ की तरफ से डॉ पूर्णेंदू सक्सेना का नाम आगे बढ़ाया गया है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं छत्तीसगढ़ में भी हरियाणा की तरह किसी संघ प्रचारक को भेजा जाएगा।
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रायपुर से 7 बार सांसद रहे रमेश बैस वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले वो झारखंड और त्रिपुरा के गवर्नर भी रह चुके हैं। 1978 में रायपुर नगर निगम से बतौर पार्षद राजनीति की शुरुआत की थी। वो 1980 से 1984 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य भी रहे। इसके बाद 1989 में पहली बार रायपुर से सांसद चुने गए। बैस केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं।
बीजेपी की जीत के बाद नए सीएम (Chief Minister’s face) के चेहरे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कई अघोषित दावेदार भी सीएम पद को लेकर माहौल बना रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के नाम आगे चल रहे हैं।
बता दे कि ओम माथुर, नितिन नबीन के साथ आज बीजेपी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक रायपुर आ सकते हैं। सीएम का नाम लगभग तय कर लिया गया है। रायपुर में ये पर्यवेक्षक विधायकों से रायशुमारी करेंगे, इसके बाद नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।
इससे पहले बुधवार को छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीते 2 सांसदों ने अरुण साव और गोमती साय ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया