Chhattisgarh Me Swine Flu: छत्तीसगढ़ में कोरोना के बीच स्वाइन फ्लू की एंट्री, 7 जिलों में मिले 11 संक्रमित मरीज

Chhattisgarh Me Swine Flu: छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इसी बीच प्रदेश में स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। राजधानी रायपुर समेत 7 जिलों में 11 मरीज मिले हैं। इन मरीजों की जांच और इलाज जारी है। इधर, बदली परिस्थितियों में स्वास्थ्य विभाग ने जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। महामारी नियंत्रण विभाग के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि अभी सात जिलों से स्वाइन फ्लू रिपोर्ट हुआ है। इसमें 4 लोग रायपुर के हैं। रायगढ़ में दो और धमतरी, दुर्ग, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और बस्तर जिले में एक-एक मरीज का पता चला है। उनका इलाज कर रहे अस्पतालों ने अभी शुरुआती जानकारी दी है।

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उन्होंने बताया कि इनमें से 2 ठीक हो चुके। जबकि 9 मरीजों का इलाज रायपुर के अस्पतालों में ही चल रहा है। जल्दी ही एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम को इसकी रिपोर्ट कर दी जाएगी। डॉक्टरों का कहना है, स्वाइन फ्लू एक इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से होता है जो सुअरों में पाया जाता है। तीन दिनों से अधिक समय तक 101 डिग्री से अधिक बुखार रह रहा हो, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, नाक से पानी आ रहा हो या फिर नाक पूरी तरह बंद हो गई हो, थकान, भूख में कमी और उल्टी जैसे लक्षण स्वाइन फ्लू हो सकते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो इसे नजर अंदाज न करें। तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं। (Chhattisgarh Me Swine Flu)

स्वाइन फ्लू के लक्षण भी कोरोना की तरह

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच स्वाइन फ्लू के मामले भी सामने आ रहे हैं। स्वाइन फ्लू के प्रकरण आमतौर पर सर्दियों में आते हैं, लेकिन इसका वायरस मानसून में भी सक्रिय हो गया है। बरसात में लगातार होने वाले मौसमी बदलाव के कारण कई तरह की संक्रमणजनित बीमारियां होती हैं। इससे बचने और सावधान रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को मौसमी बीमारियों के साथ ही मंकी-पॉक्स, कोविड-19 और स्वाइन फ्लू से अलर्ट रहने की अपील की है। स्वाइन फ्लू के लक्षण भी कोरोना के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। इसमें खांसी, बलगम आना, गले में दर्द या खराश, जुकाम और कुछ लोगों को फेफड़ों में इन्फेक्शन होने पर सांस चढ़ने लग जाती है। जिन व्यक्तियों को इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें तुरंत स्वाइन फ्लू के साथ कोरोना की भी जांच कराना चाहिए। (Chhattisgarh Me Swine Flu)

संचालक महामारी नियंत्रण, डॉ. सुभाष मिश्रा ने स्वाइन फ्लू के कारणों व लक्षणों के बारे में बताया कि स्वाइन फ्लू एच-1 एन-1 (H1N1) इन्फ्लुएंजा ‘ए’ के कारण होता है। यह वायरस वायु कण एवं संक्रमित वस्तुओं को छूने से फैलता है। इसकी संक्रमण अवधि सात दिनों की होती है। बरसात के मौसम में बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में संक्रमण तीव्र गति से प्रभावी होने का अधिक खतरा रहता है। विशेष रूप से हृदय रोग, श्वसन संबंधी रोग, लीवर रोग, किडनी रोग, डायबिटीज, एचआईव्ही और कैंसर से पीड़ित या ऐसे मरीज जो कि स्टेराइड की दवा का सेवन लम्बे समय से कर रहे हों, उन पर अधिक खतरा बना रहता है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार के साथ खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, थकावट, उल्टी, दस्त, छाती में दर्द, रक्तचाप में गिरावट, खून के साथ बलगम आना व नाखूनों का नीला पड़ना स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने इससे बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों में नहीं जाने, संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क से दूर रहने तथा नियमित रूप से हाथ साबुन या हैण्डवॉश से धोने की सलाह दी है। साथ ही सर्दी-खांसी एवं जुकाम वाले व्यक्तियों के द्वारा उपयोग में लाये गये रूमाल और कपड़ों का उपयोग नहीं करना चाहिए। स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने पर पीड़ित को 24 से 48 घंटों के भीतर डॉक्टर से जांच अवश्य कराना चाहिए। (Chhattisgarh Me Swine Flu)

प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पतालों, जिला चिकित्सालयों तथा मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इसका इलाज कराया जा सकता है। जिस प्रकार कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, वैसे ही स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए इन्फ्लूंजा वैक्सीन लगाई जाती है। इस वैक्सीन से स्वाइन फ्लू की वजह से होने वाली गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

स्वास्थ्य विभाग ने दिए निर्देश

छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़ ने सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन्स और अस्पताल अधीक्षकों, सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को स्वाइन फ्लू से बचाव, रोकथाम और उपचार के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा अधिकारियों को जारी परिपत्र में वर्तमान में देश के कुछ राज्यों में पाए जा रहे स्वाइन फ्लू (H1N1) के मामलों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में भी इसके संभावित प्रकरणों के सर्वेलेंस, सैम्पल संग्रहण, जांच और उपचार के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। (Chhattisgarh Me Swine Flu)

वहीं सभी शासकीय चिकित्सालयों में दवाइयों एवं उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा गया है। इनमें ऑसेल्टामिविर (Oseltamivir 30 mg & Oseltamivir 45 mg), ऑसेल्टार्निविर (Oseltarnivir 75 mg), ऑसेल्टामिविर सिरप (Oseltamivir syrup 12mg/mL), वीटीएम (VTM), पीपीई किट और एन-95 मास्क शामिल हैं। अधिकारियों को स्वाइन फ्लू के प्रबंधन, लक्षण, संक्रमण, प्रसार, उच्च जोखिम समूह, होम-केयर, कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग तथा दवाईयों एवं उनके खुराक के बारे में भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं ने अधिकारियों को इस संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराने भी कहा है।

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