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Electronic Voting Machine: वोटिंग के बाद कहां रखी जाती है EVM? जानिए इसकी सुरक्षा के बारे में

Electronic Voting Machine: चुनाव के नतीजे के साथ ही EVM का मद्दा जोर पकड़ने लगता है। हर बार की तरह इस बार भी ईवीएम हैकिंग जैसे मुद्दे उठने लगे हैं। क्या आप जानते हैं कि ईवीएम (Electronic Voting Machine) को काफी सुरक्षित जगह रखा जाता है. इसमें बड़ा साथ होता है स्ट्रांग रूम का। ये कोई आम कमरे नहीं होते हैं। इन कमरों में ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों की सुरक्षा की जाती है और इसके लिए थ्री-लेयर सिस्टम बनाया जाता है। चुनाव आयोग इन स्ट्रॉन्ग रूम्स को नियंत्रित करता है।

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भारतीय चुनावों में स्ट्रॉन्ग रूम ऐसे कमरे होते हैं जहां मतदान के दौरान ईवीएम और वीवीपीएटी जमा होते हैं. उम्मीदवारों और चुनाव आयोग के आब्जर्वर की मौजूदगी में इन कमरों को डबल लॉक सिस्टम में सील कर दिया जाता है। इनकी निगरानी सीसीटीवी से की जाती है और साथ में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सुरक्षा कर्मी इसकी देखरेख करते हैं।

मतदान के दिन, उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट को कुल वोट, सील (यूनिक नंबर), पोलिंग स्टेशन पर जो ईवीएम और वीवीपीएटी हैं, नके विवरण वाले फॉर्म -17 सी की एक कॉपी दी जाती है। मतदान पूरा होने के बाद, ईवीएम और वीवीपीएटी को इन एजेंटों की उपस्थिति में ही सील कर दिया जाता है। यही नहीं बल्कि सील पर पोलिंग एजेंट के हस्ताक्षर भी लिए जाते हैं।

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मतगणना (गिनती) के दिन उम्मीदवारों, रिटर्निंग ऑफिसर और एक चुनाव आयोग के आब्जर्वर की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम खोला जाता है। लगातार सीसीटीवी कवरेज के तहत स्ट्रॉन्ग रूम से राउंड-वाइज काउंटिंग यूनिट को काउंटिंग टेबल पर लाया जाता है। ईवीएम और वीवीपीएटी को चुनाव याचिका का समय पूरा होने तक उम्मीदवारों/उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में स्ट्रॉन्ग रूम में वापस रखा जाता है।

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