ISRO ने फिर रचा इतिहास, INSAT-3DS सैटेलाइट किया लॉन्च

Satellite INSAT 3DS: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 10 साल तक मौसम की सटीक जानकारी देने वाले सैटेलाइट INSAT-3DS को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया। ISRO अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि मुझे मिशन GSLV-F14 INSAT-3DS की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। अंतरिक्ष यान को बहुत अच्छी कक्षा में स्थापित किया गया है। हमने यह भी नोट किया है कि यान ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम का हिस्सा रहे सभी लोगों को बधाई। हम अगले मिशन के लिए आत्मविश्वास हासिल करने के लिए रॉकेट तैयार कर रहे हैं। इसलिए यह इतना महत्वपूर्ण मिशन था कि भारत में NASA से NISAR की पूरी टीम को आत्मविश्वास मिल सके। ये उपग्रह हमारे द्वारा बनाए गए सबसे महंगे उपग्रहों में से एक है।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इसरो को बधाई दी है। उन्होंने लिखा- हमारी तरफ से बधाई। तीसरी पीढ़ी का उपकरण प्राकृतिक आपदाओं से सटीकता से लड़ने में भारत की ताकत को बढ़ाएगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बता दें कि सैटेलाइट की लॉन्चिंग GSLV F14 रॉकेट से हुई। ये 19 मिनट 13 सेकेंड में 37000 किलोमीटर ऊंचाई पर जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) यानी पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में पहुंचा। 1 जनवरी 2024 को PSLV-C58/EXPOSAT मिशन की लॉन्चिंग के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है। (Satellite INSAT 3DS)

यह INSAT-3D सीरीज की 7वीं उड़ान है। इस सीरीज का आखिरी सैटेलाइट INSAT-3DR 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक 10 नवंबर 2023 से INSAT-3DS के वाइब्रेशन टेस्ट शुरू हो गए थे। यह 6-चैनल इमेजर और 19-चैनल साउंडर के जरिए मौसम से जुड़ी जानकारी देगा। साथ ही सर्च और रेस्क्यू के लिए जमीनी डेटा और मैसेज रिले करेगा। 2274 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट एक बार चालू होने के बाद अर्थ साइंस, मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (एनआईओटी), मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय केंद्र के तहत विभिन्न विभागों को सेवा प्रदान करेगा। चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद से इसरो लगातार प्रयोग कर रही है। ये विज्ञान की दिशा में हमारे देश के लिए अच्छा कदम है। (Satellite INSAT 3DS)

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