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Acharya Chanakya Ki Niti: इन कामों को करने के बाद कभी न भूलें नहाना, आचार्य चाणक्य के मुताबिक मिल सकते हैं बुरे परिणाम

Acharya Chanakya Ki Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही थोड़े कठोर लगे, लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें, लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य ने अपनी नीतियों में बहुत कुछ लिखा है। उनके द्वारा बताई गई हर एक नीति मनुष्य को जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं। यही वजह है कि आज भी लोग उनके द्वारा कही गई बातों को जरूर अपनाते हैं। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये नहाने पर आधारित है।

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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कहा हैं कि इंसान का सबसे बड़ा धन स्वास्थ है। स्वास्थ की बेहतरी के लिए भी चाणक्य ने कुछ नियम बताए हैं। आचार्य चाणक्य ने चार ऐसे कार्यों के बारे में बताया है, जिन्हें करने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए। नहीं तो मनुष्य कई बीमारियों से घिर सकता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक इंसान को शव यात्रा से लौटने के बाद घर में बिना नहाए प्रवेश नहीं करना चाहिए। श्मशान घाट के वातावरण में कई प्रकार के कीटाणु होते हैं, जो व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। ऐसे में बिना नहाए रहना स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। साथ ही परिवार के दूसरे सदस्यों पर इन बैक्टीरियां का असर हो सकता है इसलिए दाह संस्करा के बाद तुरंत नहा लेना चाहिए। (Acharya Chanakya Ki Niti)

तेल मालिश के बाद नहाना जरूरी: चाणक्य

चाणक्य का कहना है कि अक्सर लोग बेहतर त्वचा पाने और रक्त संचार के लिए शरीर पर तेल लगाते हैं। तेल मालिश के बाद शरीर के अंदर का मेल बाहर आ जाता है। ऐसे में तुरंत मालिश के बाद नहा लेना चाहिए। इस अवस्था में बिना नहाए कपड़े पहनने से सारी गंदगी दोबार शरीर में चली जाती है। चाणक्य नीति के मुताबिक शारीरिक प्रेम प्रसंग क्रिया के बाद स्नान जरूर करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर अपवित्र हो जाता है। बिना नहाए पूजा-पाठ करने से अशुभ होता है। चाणक्य के अनुसार बाल कटवाने के बाद भी नहाना इसलिए जरूरी है क्योंकि छोटे बाल शरीर में चिपक जाते हैं, जो बिना नहाए शरीर से नहीं निकल सकते। ऐसे में अगर ये पेट में चले जाएं तो स्वास्थ बिगड़ सकता है और इससे संक्रमण का खतरा भी रहता है। (Acharya Chanakya Ki Niti)

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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में मित्र और शत्रु के बारे में भी बताया है। उन्होंने कहा है कि हर किसी को अपने साथ रहने वाले व्यक्ति के बारे में हर एक बात पता होनी चाहिए, ताकि आने वाले समय में उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े। अपनी एक नीति में आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों के बारे में भी बताया है, जिससे हमें कोसों दूर रहना चाहिए। चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोगों से बचना चाहिए जो आपके मुंह पर मीठी बातें करते हैं, लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते है। ऐसा करने वाले उस विष के घड़े के समान है, जिसकी उपरी सतह दूध से भरी नजर आती है। चाणक्य ने बताया कि इंसान को कभी भी ऐसे लोगों से मित्रता या संबंध नहीं रखनी चाहिए, जो आपके सामने तो बहुत ही अच्छे बनते हैं, लेकिन पीठ पीछे आपकी ही दूसरों से बुराई करते हैं। ये लोग आपको कब किस साजिश में फंसा दें कुछ कहा नहीं जा सकता है। (Acharya Chanakya Ki Niti)

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