AIIMS से 4 करोड़ मरीजों का डेटा चोरी, मचा हड़कंप

AIIMS Data: दिल्ली AIIMS के 4 करोड़ मरीजों का डेटा चोरी हो गया है। ये देश के मेडिकल सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी हैकिंग है। 8 साल पहले AIIMS के डेटा को पूरी तरह से डिजिटल किया गया था। उसके बाद AIIMS में अटल बिहार समेत कई पूर्व प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का इलाज हो चुका है। इन सभी का पर्सनल डेटा AIIMS के सर्वर से हैक हो चुका है। बीते दो दिन से NIC, CBI, IB, DRDO और दिल्ली पुलिस जांच में जुटी हुई है। इधर, AIIMS के दो सिस्टम एनालिस्ट को निलंबित कर दिया गया है।

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जानकारी के मुताबिक डेटा हैक में इंटरनेशनल साइबर क्राइम का कनेक्शन होने की आशंका है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ये साइबर टेरर से जुड़ा मामला है। इस संबंध में FIR दर्ज की गई है। दिल्ली AIIMS का सर्वर बुधवार सुबह 7 बजे से डाउन है, जिसे करीब 48 घंटे बाद भी रिकवर नहीं किया जा सका है। इसके चलते अस्पताल में मरीजों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें आ रही हैं। जांच एजेंसियां AIIMS में ऑनलाइन सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से जुड़े सभी कंप्यूटर्स को खंगाल रही हैं। साइबर एक्सपर्ट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर डेटा हैक के सोर्स और रिसीवर की तलाश में जुटी है। साथ ही साइबर अटैक के संभावित खतरे से निपटने के उपाय भी किए जा रहे हैं। (AIIMS Data)

बता दें कि एम्स में इंटरनेट बंद कर दिया है। ई-हॉस्पिटल डेटाबेस और लैब इन्फॉर्मेशन सिस्टम के डेटा बेस को एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव में लिया गया है। चार एक्सट्रा सर्वर लगाए गए हैं। OPD और IPD में सभी काम मैन्युअली हो रहे हैं। पुलिस शुरूआती जांच में रैनसमवेयर अटैक मान रही है। जबरन वसूली की धाराओं में FIR दर्ज की गई है। फार्मा कंपनियां, सर्जिकल इंस्टूमेंट कंपनियां और अन्य मेडिकल कंपनियां इस डेटा का फायदा अपने हितों के लिए उठा सकती हैं। AIIMS के कंप्यूटर्स से डेटा हैक की जांच में क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों के साथ भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम भी शामिल है। सर्ट इन की टीमें साइबर हैकिंग के तकनीकी पक्षों की जांच कर रही है। (AIIMS Data)

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर महीने हेल्थकेयर सेक्टर पर लगभग 3 लाख साइबर हमले होते हैं। ये दुनियाभर में दूसरे सबसे अधिक साइबर हमले हैं। अमेरिकी हेल्थ सेक्टर पर हर माह लगभग पांच लाख साइबर अटैक होते हैं। 2020 में कम से कम 130 अलग-अलग रैनसमवेयर एक्टिव थे और 2021 की पहली छमाही में मालवेयर के 30,000 ग्रुप मिले थे। जो समान रूप से दिखते और संचालित होते थे। इनमें से 100 रैनसमवेयर ऐसे हैं जिनकी एक्टिविटी कभी नहीं रुकती है। हमलावर अपने रैनसमवेयर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए जाने-माने बॉटनेट मालवेयर और अन्य रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) सहित कई तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। (AIIMS Data)

कहा जा रहा है कि ज्यादातर मामलों में ये नए रैनसमवेयर सैंपल का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि गूगल का कहना है कि उसके गूगल क्रोम ओएस क्लाउड-फर्स्ट प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रोफेशन, एजुकेशन या कस्टमर की क्रोम ओएस डिवाइस पर रैनसमवेयर हमले नहीं हुए हैं। दिल्ली AIIMS का सर्वर हैक होने के मामले में पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंसयूनिट ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। IFSO ने यह कार्रवाई AIIMS की असिस्टेंट सिक्योरिटी ऑफिसर की शिकायत पर की है। दिल्ली AIIMS का सर्वर बुधवार सुबह 7 बजे से डाउन है, जिसे 36 घंटे बाद भी रिकवर नहीं किया जा सका है। इसके चलते अस्पताल में मरीजों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें आ रही हैं। (AIIMS Data)

इधर, दिल्ली में डॉक्टरों के भारी विरोध के बाद AIIMS प्रशासन ने सांसदों के इलाज के लिए जारी किया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर वापस ले लिया है। दरअसल, 17 अक्टूबर को AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर एम श्रीनिवास ने एक SOP जारी किया था। इसमें सांसदों के बेहतर इलाज के लिए कई गाइडलाइन जारी की गई थीं, जिसका डॉक्टर्स लगातार विरोध कर रहे थे, जिसे आखिरकार वापस ले लिया गया है। वहीं AIIMS से डेटा चोरी होने की सूचना से हड़कंप मचा हुआ है। इसके साथ ही मरीजों के इलाज में भी दिक्कत आ रही है, क्योंकि कई लोगों के डेटा रिकवर नहीं हो पाए हैं। (AIIMS Data)

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