Amit Shah on Ambedkar: आंबेडकर विवाद के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर उनके बयान को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया. शाह ने कहा, “कांग्रेस कल से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है, जिसकी मैं घोर निंदा करता हूं. मैं हमेशा आंबेडकर के रास्ते पर चला हूं, मैं उनका कभी भी अपमान नहीं कर सकता. कांग्रेस बीआर अंबेडकर विरोधी है, यह आरक्षण और संविधान के खिलाफ है. कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया. आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।
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यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा विपक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भाजपा सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी. संसद के अंदर और बाहर जो भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, सभी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा.”
इस्तीफे की मांग पर क्या बोले अमित शाह
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “खरगे जी मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं. अगर इससे उन्हें खुशी होती तो मैं इस्तीफा दे देता, लेकिन इससे उनकी समस्याएं खत्म नहीं होंगी, क्योंकि उन्हें अगले 15 साल तक उसी स्थान (विपक्ष में) बैठना होगा।
मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया… पहले उन्होंने पीएम मोदी के भी एडिटेड बयानों को सार्वजनिक किया। चुनाव जब चल रहा था तब मेरे बयानों को AI का उपयोग कर एडिट किया गया और पूरे देश में इसे प्रसारित करने का घृणित कार्य किया गया और आज अंबेडकर जी के लिए मेरी बात को तोड़-मरोड़कर वे पेश कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि मैं स्पष्टता के साथ कहना चाहता हूं, मीडिया से अपील भी करता हूं कि मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखिए। मैं उस पार्टी से आता हूं जो कभी अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर बीजेपी ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है… आरक्षण को और मजबूत करने का काम बीजेपी ने किया है। (Amit Shah on Ambedkar)
अमित शाह बोले- “जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर का विरोध किया था. किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहेब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की. जहां तक भारत रत्न देने की बात है, तो कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया है. नेहरू ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहेब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार थी. अंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है। (Amit Shah on Ambedkar)