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रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा, इस तरह करें सूर्य नारायण की आऱाधना

Bhagwan Suryadev: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हफ्ते हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। रविवार के दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि रविवार के दिन व्रत और पूजा करने से भगवान सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आपकी कोई इच्छा है तो उसकी पूर्ति के लिए आप भी रविवार का व्रत रख सकते हैं। मान्यता है कि रविवार व्रत रखने से सभी संकटों का नाश हो जाता है और साथ ही आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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सूर्यदेव की उपासना के लिए रविवार का दिन सबसे श्रेष्ठ (Lord Suryadev) माना गया है। पौराणिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है। रविवार का दिन सूर्य उपासना के लिए सर्वोत्तम है। कहा जाता है कि रविवार के दिन सूर्यदेव की उपासना विशेष फलदायी होती है। इस दिन भगवान सूर्य की उपासना करने से मान-सम्मान और तेज की प्राप्ति होती है।

इस तरह करें सूर्यदेव की पूजा

मान्यता के मुताबिक अगर आप पूरे हफ्ते सूर्यदेव को जल अर्पित न कर सकें हो, तो रविवार के दिन सूर्यदेव (Bhagwan Suryadev) को जल अवश्य अर्पित करें। तांबे के लोटे में लाल रंग के फूल डालकर जल अर्पित करने से लाभ होता है। ऐसे में जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। रविवार के दिन परिवार के लोगों के माथे पर चंदन का तिलक अवश्य लगाएं। हर रविवार सूर्यदेव का व्रत करने से कार्यक्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि रविवार के दिन व्रत रखने से आंख और स्किन संबंधी रोग से मुक्ति मिलती है। इस दिन आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए।

इन चीजों को करने से प्रसन्न होते हैं सूर्य

इस दिन तेल से बने खाद्य पदार्थ किसी जरूरतमंद को खिलाने से लाभ होता है। बड़े-बुजुर्गों की सेवा कर उनका आशीर्वाद (Bhagwan Suryadev) प्राप्त करें। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। रविवार के दिन तांबे के बर्तन, पीले या लाल रंग के वस्त्र, गेहूं, गुड़, लाल चंदन का दान करना शुभ माना जाता है। रविवार के दिन सुबह घर से निकलने से पहले गाय को रोटी खिलाएं। इतना ही नहीं, इस दिन एक पात्र में जल लेकर बरगद के वृक्ष पर चढ़ाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।

इस तरह करें सूर्यदेव की उपासना

सूर्यदेव की उपासना के लिए रविवार की रात अपने सिरहाने दूध का गिलास रखकर सोएं और सुबह इस दूध को बबूल के पेड़ की जड़ में डाल दें। इतना ही नहीं, इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पद-प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। रविवार के दिन काली गाय (Bhagwan Suryadev) को रोटी और काली चिड़िया को दाना डालें। इस दिन मछलियों को आटे की गोली बनाकर खिलाएं। कहते हैं कि इस दिन पैसों से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए।

भगवान सूर्यदेव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

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