
Chaitra Navratri 2024 : 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र चल रहे हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। 11 अप्रैल को नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा- अर्चना की जाती है। माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है, जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं।
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ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों की वध करने वाला कहा जाता है। आइए जानते हैं माता चंद्रघंटा की पूजा विधि, महत्व, मंत्र और कथा…
माता चंद्रघंटा की पूजा विधि…
नवरात्रि के तीसरे दिन विधि- विधान से मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की अराधना करनी चाहिए। मां की अराधना उं देवी चंद्रघंटायै नम: का जप करके की जाती है। माता चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें। आप मां को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग भी लगा सकती हैं। नवरात्रि के हर दिन नियम से दुर्गा चालीस और दुर्गा आरती करें। (Chaitra Navratri 2024)
रवि योग में चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. आज के दिन रवि योग बना हे. रवि योग सुबह 06:00 बजे से लेकर देर रात 01 बजकर 38 मिनट तक है. इसके अलावा प्रीति योग प्रात:काल से लेकर 07:19 एएम तक है, उसके बाद से आयुष्मान योग होगा, जो कल सुबह 04:30 एएम तक है.
मां चंद्रघंटा की पूजा का मुहूर्त
आज के दिन सुबह से ही रवि योग बना हुआ है, इस वजह से आप सुबह में 06:00 बजे के बाद कभी भी पूजा कर सकते हैं. आज का शुभ-उत्तम मुहूर्त 06:00 एएम से 07:35 एएम तक है.
मां चंद्रघंटा का पूजा मंत्र
1. ओम देवी चन्द्रघण्टायै नमः
2. ऐं श्रीं शक्तयै नमः
मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
मां चंद्रघंटा की कृपा से ऐश्वर्य और समृद्धि के साथ सुखी दाम्पत्य जीवन की प्राप्ति होती है।
विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
मां चंद्रघंटा प्रिय रंग- मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है।
मां चंद्रघंटा का प्रिय पुष्प- मान्यता है कि मां चंद्रघंटा को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मां चंद्रघंटा का भोग- मां चंद्रघंटा को को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पंचामृत, चीनी व मिश्री माता रानी को अर्पित की जाती है। (Chaitra Navratri 2024)
मां चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।