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Chanda Devi Tiwari Hospital: गंभीर जानलेवा बीमारी से काव्या को मिला सही ईलाज, अब हैं पूरी तरह स्वस्थ

Chanda Devi Tiwari Hospital: डॉक्टरों को धरती का भगवान यूँ ही नहीं कहा गया हैं, समय समय पर इसके अनेक उदहारण हम सभी के सामने आते रहते हैं। इसी का उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला। माता पिता की लाडली, जो जानलेवा गंभीर बीमारी से जंग लड़कर डॉक्टर के त्वरित ईलाज से जिन्दगी जीत ली हैं। महज 3 वर्ष की नन्ही बच्ची काव्या मारकण्डेय, पिता प्रकाश कुमार मारकण्डेय, जो की ग्राम मेढ़ (बलौदाबाजार) की निवासी है। काव्या मारकण्डेय विगत 10-12 दिनों से तेज बुखार एवं कपकपी से पीड़ित थी, जिसके उपचार के लिए उनके परिजन स्थानीय अस्पतालों की भागदौड़ में लगे हुए थे तथा दवाओं की लम्बी सूची थमने का नाम नहीं ले रही थी।

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जिले के लगभग सभी अस्पतालों से उपचार के उपरांत काव्या मारकण्डेय के परिजन ने उन्हें दिनांक 20 अगस्त के मध्यरात्रि में सिटी कोतवाली के सामने स्थित चंदा देवी तिवारी हॉस्पिटल (Chanda Devi Tiwari Hospital) में डॉ. राहुल देव (शिशु रोग विशेषज्ञ) के परामर्श से पिडियाट्रिक (बच्चों के ICU में भर्ती कराया, जहाँ मरीज की आवश्यक जाँच एवं तत्काल उपचार किया गया। काव्या का सी टी स्कैन चेस्ट किया गया, जिसमें दोनों फेफड़ों में निमोनिया के साथ-साथ दोनों फेफड़ो में अधिक मात्रा में मवाद का जमाव एवं दोनों फेफड़े सिकुड़ने लगे थे।

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परिणामस्वरूप, मरीज SEPTICEMIA (शरीर की आंतरिक भाग में अत्यधिक संक्रमण) तथा THROMBO – CYTOPENIA (प्लेटलेट्स की मात्रा में भारी गिरावट) नामक बीमारी से ग्रसित थी। मरीज को ARDS की लक्षण थी, यह एक बेहद तेजी से गंभीर स्थिति में पहुंचने वाली बीमारी है, जिसमे फेफड़ों के भीतर तरल पदार्थ का रिसाव होता है। इस बीमारी में साँस लेने में तकलीफ होती है एवं साँस लेना पूरी तरह से बंद हो जाता है। PULMONARY EDEMA नामक बीमारी की वजह से बच्ची की साँस लेने की क्षमता भी कमजोर होने लगी थी, जिसके कारणवश मरीज बहुत जल्द RESPIRATORY FAILURE नामक प्राण घातक बीमारी की और बढ़ते जा रही थी।

मरीज की स्थिति अत्यधिक गंभीर थी, उन्हें इस जानलेवा बीमारी के साथ HEART FAILURE (CHF) की ला ईलाज बीमारी थी, यानि की जब हृदय शरीर के अन्य अंगो तक पर्याप्त मात्रा में रक्त पहुंचाने का कार्य सही तरीके से नहीं कर सकता , इस स्थिति में हृदय की पम्प करने की गति निष्क्रिय हो जाती है। मरीज को ICU में गहन चिकित्सक की निगरानी में रखा गया तथा उनके चेस्ट में ICD नली लगाया गया। मरीज की खून के रिपोर्ट के अनुसार उन्हें खून एवं प्लेटलेट्स की कमी थी, इसके लिए उन्हें आवश्यक्तानुसार 12 यूनिट प्लेटलेट्स एवं 1 यूनिट खून की बोतल चढ़ाया गया।

काव्या को लगातार साँस लेने में हो रहे तकलीफ को ध्यान में रखते हुए उन्हें 5 दिनों के लिए वेंटीलेटर की मदद से ऑक्सीजन दिया गया तथा अनुभवी डॉक्टरों डॉ. राहुल देव (शिशु रोग विशेषज्ञ), डॉ . नितिन तिवारी (शल्य चिकित्सा एवं लेप्रो सर्जन) की निगरानी में रखा गया। मरीज का ICU में 14 दिन के उपचार के बाद उनके स्थिति में सुधार देखा गया तथा निमोनिया एवं मवाद का संक्रमण कम होने लगे थे। बच्ची की खून एवं प्लेटलेट्स की मात्रा पर्याप्त हो गयी थी तथा हृदय की पम्पिंग गति स्थिर थी, फलस्वरूप मरीज की साँस लेने की गति सामान्य स्थिति में हो गयी थी। काव्या मारकण्डेय की स्थिति में सुधार एवं स्वस्थ होने पर उन्हें 9 सितम्बर को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया हैं।

काव्या के पूरी अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। काव्या के स्वस्थ होने के बाद उनके परिजन अब बहुत संतुष्ट हैं। उनके परिजन ने कहा, मेरा पूरा परिवार चंदा देवी तिवारी हॉस्पिटल (Chanda Devi Tiwari Hospital) के डाक्टरों व पुरे स्टॉफ का आभारी रहेगा। उन्हीं के सही ईलाज में आज मेरी बच्ची को एक नया जीवन दान मिला हैं। 

Chanda Devi Tiwari Hospital:
डॉक्टर राहुल देव – शिशु रोग विशेषज्ञ

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