कूनो में एक और चीते की मौत, दो महीने के अंदर 4 चीतों ने तोड़ा दम

Cheetah Death in Kuno: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच ज्वाला नाम की मादा चीता के शावक की मौत हो गई है। पार्क में शावकों की संख्या अब घटकर तीन रह गई है। वन विभाग की टीम मौत के कारणों का पता लगाने में जुटी है। वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख जे.एस. चौहान ने बताया कि 24 मार्च को ज्वाला नाम की मादा चीता ने 4 बच्चों को जन्म दिया था, हम उनकी मॉनिटरिंग कर रहे थे। चारों में से एक बच्चा कमजोर था। जब हमारी टीम गई तो एक बच्चा सिर उठाने की कोशिश कर रहा था, तुरंत पशु चिकित्सकों को बुलाया गया, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। मुल रूप से कमजोरी के कारण उसकी मृत्यु हुई।

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बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में दो महीने के भीतर अब तक चार चीतों की मौत हो चुकी है। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों समेत चीतों की संख्या 23 हो गई थी। शावकों के जन्म से दो दिन पहले ही मादा चीता ​​​​​साशा की मौत हुई थी। इसके बाद कुछ समय बाद चीता उदय और दक्षा की मौत हो गई। पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। (Cheetah Death in Kuno)

अब 20 चीते ही कूनो नेशनल पार्क में बचे हैं। दक्षा को इसी साल दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। मुख्य वन्य संरक्षक जेएस चौहान ने बताया था कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरैक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। कूनो नेशनल पार्क की मॉनिटरिंग टीम को दक्षा घायल हालत में मंगलवार सुबह मिली थी। उसे इलाज के लिए ले जाया गया। दोपहर करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई। बता दें कि लगातार हो रही चीतों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की थी। (Cheetah Death in Kuno)

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