एजुकेशन वर्ल्ड ऑटोनॉमस कॉलेज रैकिंग 2023-24 में छत्तीसगढ़ के 6 कॉलेज टॉप 100 में शामिल

Chhattisgarh Education Department: पहले जिन क्षेत्रों में उच्च शिक्षा पाने के लिए विद्यार्थियों को मीलों चलना पड़ता था। आज वहां नवीन महाविद्यालय के बन जाने से उच्च शिक्षा की राह बेहद आसान हो गई है, अब उन्हें कई किलोमीटर का सफर तय नहीं करना पड़ता, क्योकि आवापल्ली, कुआकोण्डा, तोंगपाल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में अब महाविद्यालय खुल चुके हैं। कुआकोण्डा का उदाहरण लें, दंतेवाड़ा जिले के इस ब्लॉक के अंदरुनी गांवों के छात्रों को जिला मुख्यालय तक कॉलेज पहुंचने के लिए 80 किलोमीटर तक की दूरी भी तय करनी पड़ती थी। इसके कारण से हायर सेकेण्डरी के बाद काफी लोग पढ़ाई छोड़ देते थे, लेकिन अब कॉलेज प्रारंभ होने के बाद उच्च शिक्षा सहज उपलब्ध हो गई है।

यह भी पढ़ें:- जल जीवन मिशन के तहत 23.30 लाख से ज्यादा परिवारों को मिला घरेलू नल कनेक्शन, ये जिला सबसे आगे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल की पहल पर उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आने वाली कठिनाई से छात्र-छात्राओं को मुक्ति मिली है। राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए महाविद्यालयों में प्रवेश लेने की आयु सीमा समाप्त कर दी है,  इससे किसी कारणवश पढ़ाई बीच में ही छूट चुके लोगों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए एक अच्छा अवसर मिला है। महाविद्यालयों में अधोसंरचना का विकास और अध्ययन-अध्यापन के लिए संसाधनों में बढ़ोतरी हो रही है, इससे प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। जहां 2018-19 में करीब 2 लाख 26 हजार 373 छात्रों ने कॉलेज में प्रवेश लिया वहीं यह संख्या वर्ष 2022-23 में 48 प्रतिशत बढ़कर 3 लाख 35 हजार 139 हो गई है, जो कि 2018-19 की तुलना में एक लाख 8 हजार 766 अधिक है। (Chhattisgarh Education Department)

कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विगत 4 वर्षों में कुल 33 नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले गए हैं एवं 76 अशासकीय महाविद्यालय आरंभ हुए हैं। छत्तीसगढ़ में 285 शासकीय महाविद्यालय, 12 अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 252 अनुदान अप्राप्त अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। कुल 27 विषयों पर 1384 रिक्त पदों के लिए भर्ती जारी की गई थी, जिसमें से 1167 अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किए जा चुके हैं। उच्च शिक्षा में लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिए 26 कन्या महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2018-19 में जहां 91,982 छात्रों की तुलना में 1,34,391 छात्राओं ने कॉलेज में एडमिशन लिया वहीं 2022-23 में यह बढ़कर छात्रों की संख्या 1,28,310 एवं छात्राओं की संख्या 2,06,829 हो गई है। जो कि छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या 61 प्रतिशत अधिक है। (Chhattisgarh Education Department)

अधोसंरचना और संसाधनों की बढ़ोतरी होने की वजह से राज्य के कॉलेजों की एक नई पहचान बन रही है। एजुकेशन वर्ल्ड ऑटोनॉमस कॉलेज रैकिंग 2023-24 में छत्तीसगढ़ के 6 कॉलेजों को टॉप 100 में जगह मिली है। इस रैंकिंग में शासकीय वी.वाय.टी. महाविद्यालय दुर्ग टॉप 10 में जगह बनाने में कामयाब रहा है, इस कॉलेज को 9वीं रैंक मिली है। बिलासपुर के शासकीय बिलासा कन्या महाविद्यालय को 14वीं रैंक, ई. राघवेन्द्र राव विज्ञान महाविद्यालय को 19वीं रैंक, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव को 34वीं रैंक, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर को 42वीं रैंक और शासकीय नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय रायपुर को 54वीं रैंक प्राप्त हुई है।  अभी हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग को छत्तीसगढ़ के ‘प्रोजेक्ट असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन’ को देश के प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड से नवाजा गया है।

विभाग को यह अवार्ड देश के कई बड़े एवं महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के साथ प्रतियोगिता करते हुए कई चरणों की प्रस्तुतिकरण, वोटिंग एवं उपलब्धियों के कारण प्रदान किया गया है। गौरतलब है कि शैक्षणिक सत्र के दौरान ही 7 मार्च को यूजीसी ने नेक ग्रेडिंग के संदर्भ में ट्वीट करके जानकारी दी, जिसमें छत्तीसगढ़ का स्थान पहला है। विगत 6 माह में नेक ग्रेडिंग में पूरे देश में छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक महाविद्यालयों का मूल्यांकन किया गया है, इसमें प्रदेश के 98 महाविद्यालय शामिल हैं। वर्ष 2003 से वर्ष 2018 के मध्य यूजीसी ने केवल 36 कॉलेजों का मूल्यांकन किया था, जबकि पिछले 4 वर्षों में अब तक 192 कॉलेजों का मूल्यांकन करा लिया गया है। (Chhattisgarh Education Department)

Related Articles

Back to top button