
Chhattisgarh liquor scam : छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में पेश किया, जहां उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है. लखमा पर 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप है, और उन्हें 2 फरवरी को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा.
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आरोपों के मुताबिक, कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे. यह मामला छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है, और ईडी इसकी जांच कर रही है. (Chhattisgarh liquor scam)
ED का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी।वही शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। वही ED का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
मैं पूरी तरह निर्दोष हूं : कवासी लखमा
कवासी लखमा ने कहा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को देखते हुए मुझपर गलत आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर के लोगों को मरवा दिया जाता है या तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है, विष्णुदेव सरकार ने योजना बना दिया है कि बस्तर को खाली करों। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
ईडी ने कवासी लखमा को 15 जनवरी 2025 को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी. 3 जनवरी और 9 जनवरी को भी कांग्रेस नेता लखमा से पूछताछ की गई थी. इसके बाद 15 जनवरी को पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. 21 जनवरी तक उन्हें रिमांड पर भेजा गया था और मंगलवार को रिमांड खत्म हो रही थी. ऐसे में ईडी ने फिर से उन्हें विशेष अदालत में पेश किया। (Chhattisgarh liquor scam)