Chhattisgarh Me Mausami Bimariya: छत्तीसगढ़ में कोरोना के बीच बीमारियों का चौतरफा अटैक, पढ़ें पूरी खबर

Chhattisgarh Me Mausami Bimariya: छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी के बीच बीमारियों का चौतरफा अटैक हो रहा है। प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर 4% से ज्यादा बनी हुई है। इस बीच डेंगू और मलेरिया बेकाबू हो चुके हैं।  स्वाइन फ्लू का भी संक्रमण फैल रहा है। इसमें डेंगू के हालात सबसे खतरनाक और चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 से तीन अगस्त 2022 तक डेंगू के 859 मरीज मिल चुके हैं। इसमें से 704 मरीज केवल बस्तर जिले में ही सामने आ चुके हैं। ये आंकड़ा इसलिए खतरनाक है कि क्योंकि ये बीते तीन साल में सबसे अधिक मरीजों का आंकड़ा है। 2020 में पूरे साल भर के दौरान डेंगू के सिर्फ 57 केस मिले थे। 2021 में जनवरी से सितंबर के बीच 740 मरीज मिले थे। उस साल कुल एक हजार 86 मरीजों की पहचान हुई थी।

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वहीं इस साल जनवरी से अगस्त के तीन तारीख तक ही 859 मरीज मिल चुके हैं। वहीं तीन लोगों की मौत भी हुई है। स्वास्थ्य विभाग इन्हें संदिग्ध मान रहा है क्योंकि उन्हें डेंगू के साथ अन्य बीमारियां भी थीं। कहा जा रहा है डेथ ऑडिट के बाद ही इसे पूरी तरह कंफर्म किया जा सकता है। बस्तर संभाग के जिलों में इसका खतरा अभी भी बेहद बढ़ा हुआ है। कोरोना महामारी का आंकड़ा भी खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है। बुधवार को ही दिन भर में 501 नए मामले सामने आ गए। महामारी की संक्रमण दर इस समय 4.34% तक पहुंच गई है। इससे पहले यह 6% का आंकड़ा भी छू चुकी है। बुधवार को कोरोना की वजह से जांजगीर-चांपा के एक मरीज की जान भी गई है। प्रदेश में अब तक 14 हजार 71 लोगों की जान कोरोना महामारी की वजह से जा चुकी है। (Chhattisgarh Me Mausami Bimariya)

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इधर, 11 लाख 67 हजार 517 लोग अब तक इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। जून के बाद से संक्रमण फिर से बढ़ना शुरू हुआ है। मानसून के साथ इसका दायरा भी बढ़ा। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि बरसात के मौसम में सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम होता रहता है। लोग संक्रमण की स्थिति में भी सामान्य सर्दी-जुकाम मानकर समय से जांच और इलाज नहीं करा रहे हैं। इसकी वजह से भी यह संक्रमण फैल रहा है। वहीं अबाध यात्राओं और भीड़-भाड़ वाले आयोजनों का बढ़ना भी इसकी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। इस बीच एक नई बीमारी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। एच 1 एन 1 इंफ्लुएंजा वायरस के इस संक्रमण से 14 लोग प्रभावित हुए हैं। उनमें से सिर्फ तीन को इलाज के बाद छुट्‌टी मिली है। 11 लोगों का इलाज अभी भी जारी है। चिंता इसलिए बढ़ी है कि स्वास्थ्य विभाग को इस बीमारी का पता बहुत देर में लगा है। (Chhattisgarh Me Mausami Bimariya)

बारिश की वजह से फैल रही बीमारियां

जानकारी के मुताबिक कई लोगों में यह बीमारी करीब 20 दिन पहले ही सामने आ गई थी। इसको मंगलवार को कंफर्म किया गया। उसके बाद इलाज के प्रोटोकॉल जारी हुए। ऐसे में मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। संक्रमण कहां से आया यह भी पता नहीं है। आशंका है कि इन 15-20 दिनों में संक्रमण व्यापक रूप से फैला होगा। बारिश के दिनों में अक्सर फैलने वाला मलेरिया भी खतरनाक रूप से बढ़ा है। इससे सबसे अधिक प्रभावित बस्तर संभाग के ही जिले हैं। बस्तर में कई लोगों की इस बीमारी की वजह से जान तक जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग पिछले कुछ सालों से मलेरिया उन्मूलन का बड़ा अभियान छेड़े हुए है। इसके तहत गांव-गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचकर लोगों के रक्त का नमूना ले रही है। मलेरिया की पुष्ट होने पर उन्हें घर पर दवाई आदि दी जा रही है। मच्छरों की रोकथाम के उपाय भी किए जा रहे हैं। सरकार ने दावा किया था, मलेरिया की दर कम हुई है। (Chhattisgarh Me Mausami Bimariya)

स्वास्थ्य विभाग ने दिए निर्देश

छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़ ने सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन्स और अस्पताल अधीक्षकों, सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को स्वाइन फ्लू से बचाव, रोकथाम और उपचार के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा अधिकारियों को जारी परिपत्र में वर्तमान में देश के कुछ राज्यों में पाए जा रहे स्वाइन फ्लू (H1N1) के मामलों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में भी इसके संभावित प्रकरणों के सर्वेलेंस, सैम्पल संग्रहण, जांच और उपचार के संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

दवाइयों की व्यवस्था करने के निर्देश

वहीं सभी शासकीय चिकित्सालयों में दवाइयों और उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा गया है। इनमें ऑसेल्टामिविर (Oseltamivir 30 mg & Oseltamivir 45 mg), ऑसेल्टार्निविर (Oseltarnivir 75 mg), ऑसेल्टामिविर सिरप (Oseltamivir syrup 12mg/mL), वीटीएम (VTM), पीपीई किट और एन-95 मास्क शामिल हैं। अधिकारियों को स्वाइन फ्लू के प्रबंधन, लक्षण, संक्रमण, प्रसार, उच्च जोखिम समूह, होम-केयर, कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग तथा दवाईयों एवं उनके खुराक के बारे में भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं ने अधिकारियों को इस संबंध में की गई कार्रवाई से अवगत कराने भी कहा है।

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